Monkeypox virus: मंकी पॉक्स के केस बढ़े तो क्या लगेगा लॉकडाउन, WHO ने कही ये बात
Monkeypox virus : एमपॉक्स (मंकी पॉक्स) ने दुनियाभर को फिर से चिंता में डाल दिया है. यह कोरोना जैसा साबित होगा या नहीं इसको लेकर भी बहस छिड़ी हुई है. इसी चिंता को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया है. क्या यह कोरोना जितना घातक होगा, इसको लेकर WHO की ओर से एक खबर आई है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि मंकी पॉक्स का प्रकोप कोविड-19 जैसा नहीं है, क्योंकि इसे नियंत्रित करने के तरीकों के बारे में पहले से ही सबको पता है. WHO के यूरोपीय निदेशक हंस क्लूज ने कहा क्लैड 1बी स्ट्रेन पर अधिक शोध की जरूरत है, इसलिए ही WHO को इमरजेंसी घोषित करने की जरूरत पड़ी, ताकि मंकी पॉक्स के प्रसार को रोका जा सके. क्लूज ने कहा कि मंकी पॉक्स मिलकर निपटा जा सकता है. क्लूज ने कहा कि एमपॉक्स नया कोविड नहीं है. बस यूरोपीय इलाकों में इसे फैलने से रोकने की जरूरत है. क्लूज ने कहा कि सामान्य आबादी के लिए जोखिम कम है. क्या यूरोप में लॉकडाउन लगेगा, इसे लेकर उन्होंने न में उत्तर दिया.
ये हैं मंकी पॉक्स के लक्षण
एमपॉक्स एक वायरल संक्रमण है, जो मवाद से भरे घावों और फ्लू जैसे लक्षणों का कारण बनता है. इस वायरस की चपेट में आने के बाद शुरुआती लक्षण बुखार है. इसके बाद सिरदर्द, सूजन, पीठ दर्द और मांसपेशियों में दर्द जैसे लक्षण भी दिख सकते हैं. बुखार उतरने के बाद शरीर पर चकत्ते आ जाते हैं. इनमें अधिक खुजली या दर्द हो सकता है. संक्रमण आम तौर पर अपने आप ठीक हो जाता है और 14 से 21 दिनों के बीच रहता है. गंभीर मामलों में घाव पूरे शरीर हो जाते हैं, जो मुंह, आंखों और गुप्तांगों पर होते हैं.
कैसे फैलता है मंकी पॉक्स
मंकी पॉक्स किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है. इसमें यौन संबंध और संक्रमित शख्स से करीब से बात करना शामिल है. यह शरीर में आंख, सांस, नाक या मुंह से भी एंट्री कर सकता है. मंकी पॉक्स संक्रमित शख्स की इस्तेमाल की गई चीजों को छूने से भी फैल सकता है. जैसे बिस्तर, बर्तन आदि. यह वायरस संक्रमित जानवर जैसे बंदर, चूहे और गिलहरी से भी फैल सकता है.