मातृ दिवस विशेष: मां ही पढ़ाती है बच्चों को जीवन का पाठ, बनाती है भविष्य उज्ज्वल
मांबच्चों की पहली टीचर और दोस्त होती है। एक मां ही होती है, जो अपने बच्चे को समझाती भी है और मुश्किलों में उसका हौसला भी बनती है। मां हमें प्रसन्न देखकर बहुत प्रसन्न होती है, उसकी आंखों से सदैव प्यार झलकता है। पालन-पोषण करने के साथ-साथ हमारी गलतियों को भी क्षमा कर देती है। यूं ही नहीं मां को भगवान का दर्जा दिया गया है। इस रिश्ते में बहुत कुछ खास है, जिसे आप या हम नकार नहीं सकते। वैसे तो बच्चे अपने आसपास के हर व्यक्ति से कुछ न कुछ सीखते हैं, लेकिन कुछ ऐसी बातें हैं, जो केवल अपनी मां से ही सीखने को मिलती हैं।
खुद पर विश्वास कर आगे बढ़ना
मां बच्चों को बाहर की दुनिया के लिए तैयार करती हैं। उसे सिखाती है कि बाहर उसे हर तरह के लोग मिलेंगे, कुछ उसकी मदद करेंगे तो कुछ उसके लिए मुश्किलें खड़ी करेंगे। ऐसे में उन्हें अपने ऊपर भरोसा रखना है और अपने सपनों को भूलना नहीं है। अपनी मंजिल पाने के लिए बच्चों को खुद पर भरोसा करना मां ही सिखाती है।
वर्तमान में भविष्य का निर्माण
मां बच्चे को वर्तमान में जीना सिखाती है। बीते और आने वाले कल की चिंता करना बेकार है। जो है आज है और आज में ही जीना सही है। आज आपके हाथ में जो भी अवसर हैं, उन पर काम करें क्योंकि वही आगे चलकर आपको अच्छा भविष्य देंगे। भविष्य के बारे में सोचकर हम अपने आज को मुश्किलों से भर देते हैं जो कि गलत है।
जीवन में आत्मनिर्भर बनना
जीने के लिए आत्मनिर्भर होना बहुत जरूरी है। जिंदगी में कभी न कभी ऐसी परिस्थितियां जरूर आती हैं, जब आपको कहीं से कोई मदद नहीं मिलती है। सभी हाथ खड़े कर देते हैं। ऐसे में आत्मनिर्भरता ही काम आती है। वह मां ही है, जो अपने बच्चे को छोटी उम्र से ही आत्मनिर्भर बनना सिखाती है।
दूसरों का आदर-सम्मान देना
बच्चों को मां दूसरों से आदर, सम्मान और प्यार से बात करना सिखाती है। सभी से विनम्रता-सादगी से पेश आने की बात कहती है।