हल्बी गीत में छत्तीसगढ़ के 33 जिलों के नाम, बच्चें फटाफट बताए इसलिए टीचर ने लिखा ये गाना
टी हुसैन. कोई आपसे कहे कि बिना रुके राज्य के सभी 33 जिलों के नाम गिनाओ। जाहिर आप कुछ नाम लें और सोच में पड़ जाएं। सरकारी स्कूल की टीचर रजनी शर्मा ने नवाचार के तहत एक ऐसा फार्मूला निकाला है जिससे स्कूली बच्चे ही क्या आप भी जिलों के नाम रट सकते हैं।
टीचर ने लिखा ये गाना
रजनी ने बताया, हल्बी में गीत लिखे जाने के पीछे मकसद यह था कि बस्तर के सुदूर अंचल में हल्बी बोली जाती है और समझी जाती है। इस गीत को बनाते समय मुय बातों का ध्यान रखी गई है कि उसमें बस्तर के मापक शब्द जैसे कोरी और कबरा, गजामूंग पीठा, महुआ, धान की प्रजाति सरना और पैरा को कविता में शामिल किया गया है। साथ ही पारंपरिक खानपान बकरा-भात जैसे शब्द लिए गए हैं।
ये है गीत
पेज,बकरा गजामूंग,
कोरी कोर पीठा,
महुआ बीजा बिसाहा
सक्ति धरा उठा
सुकलो,कोंडा,बस्तर बालो
महासमुंद और खैरा
कबरा होली सूरज चो
दांत देबुम सरना पैरा
कुछ इस तरह पिरोया
पेज: पे से पेंड्रा, ज से जशपुर
बकरा: ब से बलरामपुर, क से कवर्धा, रा से रायगढ़
गजामुंग: ग से गरियाबंद, जा से जांजगीर, मुं से मुंगेली,
कोरी से कोरिया, कोर से कोरबा