Nari Shakti: साइकोलॉजी ग्रेजुएट हैं प्रतिका रावल, बास्केटबॉल में जीत चुकी हैं स्वर्ण पदक

भारतीय टीम की युवा ओपनर प्रतिका रावल ने आयरलैंड के खिलाफ हाल में संपन्न हुई तीन मैचों की वनडे सीरीज में अपने शानदार प्रदर्शन से सबका दिल जीत लिया। भारतीय महिला क्रिकेट टीम को प्रतिका के रूप में शायद वह ओपनर मिल गई है जिसकी उसे इस साल के अंत में होने वाले वनडे विश्व कप से पहले तलाश थी। प्रतिका ने 6 वनडे में 74 के औसत से 444 रन बनाकर करियर की शानदार शुरुआत की है। प्रतिका साइकॉलोजी ग्रेजुएट हैं और स्कूल में बास्केटबॉल भी खेला करती थीं।
सोशल मीडिया पर बीसीसीआई द्वारा शेयर किए गए वीडियो में प्रतिका ने बताया कि मैंने साइकॉलोजी पढ़ी है। मैं हमेशा से यह जानने को उत्सुक थी कि हम मैदान पर और मैदान के बाहर चीजों को कैसे मैनेज करते हैं। साइकॉलोजी से मुझे क्रिकेट में भी बहुत मदद मिली है। जब मैं मैच से पहले मैदान पर होती हूं तो खुद से बहुत सारी सकारात्मक बातें करती हूं।
खेल और पढ़ाई दोनों में अव्वल
प्रतिका खेल और पढ़ाई दोनों में अव्वल रही हैं। प्रतिका ने बताया कि सीबीएसई की 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा में उन्होंने 92.5 प्रतिशत अंक प्राप्त किए थे, फिर जीसस एंड मैरी कॉलेज से साइकॉलोजी में ग्रेजुएशन किया। 2019 में स्कूल नेशनल में बास्केटबॉल टीम के साथ स्वर्ण पदक भी जीता था।
पिता प्रदीप रावल हैं क्रिकेट अंपायर
प्रतिका के पिता प्रदीप रावल दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ के लेवल-2 अंपायर हैं। प्रतिका ने 10 साल की उम्र से क्रिकेट की ट्रेनिंग लेनी शुरू की थी। उनके पहले कोच श्रवण कुमार थे, उसके बाद प्रतिका को पूर्व क्रिकेटर दीप्ति ध्यानी ने भी ट्रेनिंग दी। प्रतिका 2021 से 2024 की शुरुआत तक दिल्ली के लिए खेलीं, लेकिन अब वे रेलवे का प्रतिनिधित्व करती हैं।