Nari Shakti: सुदूर अंचल की महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रहीं शीतल

महिलाओं के विकास के बिना व्यक्ति, परिवार और समाज के विकास की कल्पना नहीं की जा सकती। बिलासपुर की समाजसेवी शीतल लाठ एक ऐसी ही महिला शक्ति है जो 14 साल से बच्चियों और महिलाओं को स्वच्छता साथ ही उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम कर रही हैं। इसके अलावा शीतल बिलासपुर शहर के आसपास के दूरस्थ गांवों में जरूरत महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रशिक्षण भी देती है। हाल ही में उन्होंने शहर से सटे पोसरा गांव की 40 महिलाओं को स्वरोजगार करने के लिए हर्बल गुलाल का प्रशिक्षण दिया है। यह गुलाल पालक, बिट रूट, हल्दी अरारोट से तैयार किया जाता है। शीतल इन सामानों को बेचने के लिए बाजार भी उपलब्ध करवाती हैं।
कई देशों में भेजती हैं कपड़े के पैड
अमरीका की इंटरनेशनल संस्था डे फॉर गर्ल संस्था से 2017 से सेवा दे रही हैं। इसमें हाथ से बनाए हुए कपड़े के पैड के पैकेट बनाकर भारत सहित एशिया, अफ्रीका सहित विभिन्न देशों की जरूरतमंद बच्चियों और महिलाओं को भेजा जाता है। पैकेट में पैड, साबुन सहित माह के विशेष दिनों में होने वाली परेशानियों को दूर करने वाली जरूरत की चीजें रहती है। संस्था में जो भी जरूरत होती है, शीतल उसे डोनेट करतीं हैं।
सेवा कार्यों से समाज में बांट रही खुशियां शीतल ने बताया कि पति की बीमारी के दौरान अस्पतालों के खूब चक्कर लगाए। इस दौरान उन्होंने मरीजों और उनके परिजनों के दुख और परेशानियों को महसूस किया। 2011 में पति नहीं रहे तो उन्होंने आगे का जीवन जरूरतमंद लोगों के चेहरों पर मुस्कान लाने के लिए समर्पित कर दिया। इस दौरान उन्होंने अपने बच्चों की भी अच्छी परवरिश की। आज वे भी अच्छे पदों पर हैं।
इन कामों में भी सक्रिय
हर अमावस्या पर जरूरतमंदों को भोजन।
पुलिस के नशा मुक्ति अभियान में काउंसलिंग करती है।
वृद्धाश्रम, मूकबधिर स्कूल और दूरस्थ गांवों के स्कूलों में जरूरत की सामग्री प्रदान।
सिम्स अस्पताल में मरीजों के लिए व्हीलचेयर, कुर्सियां, बेड, कमोड चेयर का वितरण।