Nari shakti: काम में जोखिम था, लेकिन हौसले से पाई सफलता
Nari shakti: उत्तरप्रदेश व पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में जाकर वन्यजीवों के खिलाफ होने वाले अपराधों का नेटवर्क तोड़ने में मप्र वन विभाग की मदद करने वालीं महिला आईएफएस प्रतिभा अहिरवार इन दिनों माधव राष्ट्रीय उद्यान में बाघों के संरक्षण का कार्य कर रही हैं। देशभर की नजर उनके प्रयासों पर है। उनके कार्यों पर नजर स्वाभाविक भी है, क्योंकि राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने यहां मार्च 2023 में बाघ पुनर्स्थापना योजना शुरू की है।
माधव राष्ट्रीय उद्यान में बाघों को दोबारा बसाया जा रहा है। यहां दूसरे रिजर्व से तीन बाघ छोड़ थे। इनमें से हाल में एक बाघिन ने शावक को जन्म दिया है। दो बाघ और छोड़े जाने हैं। प्रतिभा अहिरवार कहने को तो माधव राष्ट्रीय उद्यान की डिप्टी डायरेक्टर हैं, लेकिन काम की पूरी जिमेदारी उन्हीं पर है। ऐसा इसलिए क्योंकि फील्ड डायरेक्टर उत्तम कुमार शर्मा हैं, जिन पर एशिया की सबसे बड़ी चीता परियोजना की जिमेदारी है, जो कि मध्यप्रदेश के कूनो में चल रही है।
इस तरह से चर्चा में आई थीं यह महिला आईएफएस
आईएफएस प्रतिभा अहिरवार उस वक्त चर्चा में आईं, जब वर्ष 2017 में उनके नेतृत्व वाली स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स (एसटीएसएफ) की इंदौर टीम ने बाघ व पेंगोलिन जैसे वन्यप्राणियों के शिकार व उनके अवशेषों की तस्करी करने वालों को उत्तरप्रदेश व पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में जाकर पकड़ा। कम से कम समय में चालान पेश किया। इस तेज गति वाली जांच का असर यह हुआ कि वन्यप्राणी अपराधों में 6 आरोपियों को मप्र के वन्यप्राणी जगत से जुड़े इतिहास में पहली बार कम से कम समय में सजा हुई।
वन्यजीव संरक्षण के लिए समर्पित प्रतिभा अहिरवार
वह बताती है कि उनकी टीम को शिकार व तस्करी वाला प्रकरण जनवरी 2017 में मिला था, जिसके तार पहले राजगढ़ के नरसिंहगढ़ व उसके आसपास के गांव तक जुड़े मिले। जब गहराई में गए, तो दूसरे जिले के अपराधियों के शामिल होने के तथ्य सामने आए। जब और पड़ताल की, तो दूसरे प्रदेशों के अपराधियों से तार जुड़े मिले। वह कहती हैं कि इन जांचों के लिए उन्हें एक सप्ताह से लेकर 20-25 दिन बाहर रहना पड़ा। चुनौतियां कई आईं लेकिन सफलता भी मिली। प्रतिभा अहिरवार के इन्हीं कार्यों के बूते उन्हें राष्ट्रीय व प्रदेश स्तर पर कई पुरस्कार व प्रशस्ति पत्र मिले।