Nari Shakti: महिलाएं कचरे से कर रहीं कमाई, कूड़े के बदले दे रहीं जैविक खाद
गुजरात के साबरकांठा जिले की तलोद तहसील के हरसोल गांव में महिलाएं कचरे से भी कमाई कर रही हैं। दरअसल, गांव में सूखे व गीले कूड़े को अलग नहीं किया जाता था। प्लास्टिक कहीं भी फेंक दिया जाता या जला दिया जाता था। ग्राम पंचायत द्वारा गांव के सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट से जुड़े सभी कार्य जोगमाया सखी मंडल को सौंपे जाने के बाद से अब माहौल बदल गया है। सखी मंडल की महिलाएं गांव के लोगों के घरों से एकत्रित गीले कूड़े को प्रोसेस कर जैविक उर्वरक बनाती हैं और उसकी बिक्री करती हैं। वहीं, सूखे कूड़े से पुन: उपयोग में ली जा सकने वाली वस्तुओं को अलग कर कबाड़ी वालों को बेचती हैं और कमाई करती हैं। इस कार्य से इन मंडल की महिलाओं ने थोड़े ही समय में 56,370 रुपए की आय अर्जित की है जो कि भविष्य में और बढ़ सकती है।
300 किलोग्राम उर्वरक का उत्पादन
सेग्रीगेशन शेड में गीले कूड़े को विभिन्न चरणों से प्रोसेस कर उर्वरक में रूपांतरित किया जाता है। तैयार जैविक ऊर्वरक को ये महिलाएं गांव के किसानों को बेचती हैं। महिलाओं ने अब तक 300 किलोग्राम उर्वरक उत्पादन किया है। वे 70 रुपए प्रति किलो के दाम पर ये खाद किसानों को बेचती हैं। किसानों का कहना है कि इन महिलाओं की ओर से तैयार की गई वर्मी कम्पोस्ट खाद के उपयोग से उनकी जमीन की उत्पादकता में सुधार हुआ है।
ग्राम पंचायत का कबाड़ी वालों के साथ एमओयू
सूखे कचरे से रिसाइकल कर पुन: उपयोग में ली जा सकने वाली वस्तुओं का संग्रह किया जाता है। इन वस्तुओं को बेचने के लिए ग्राम पंचायत ने कबाड़ी वालों के साथ एमओयू किया है। सॉलिड वेस्ट से अलग की गई व पुन: उपयोग में ली जा सकने वाली वस्तुओं तथा कम्पोस्ट के माध्यम से तैयार हुए उर्वरक की बिक्री से ग्राम पंचायत के लिए नियमित आय के स्रोत का सृजन हुआ है।
डोर टू डोर होता है कूड़ा संग्रह
सखी मंडल की महिलाएं स्वयं ही रिक्शा चला कर डोर टु डोर कूड़ा संग्रह करती हैं। वे एक दिन छोड़ कर हर घर पहुंचती हैं। घरों से एकत्र किए गए सूखे कूड़े, गीले कूड़े, सेनेटरी तथा खतरनाक वेस्ट को रिक्शा के जरिए सेग्रीगेशन शेड तक पहुंचाती हैं। सेनेटरी कूड़े की निकासी के लिए उसे प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर पहुंचाया जाता है।