Nari Shakti: खेल, व्यवसाय या हर पेशे में महिलाओं को मिले समान अवसर

गुवाहाटी. वर्ष 2005-06 में कॅरियर शुरू करना बेहद कठिन था। महिला पत्रकार और फोटोग्राफर को गंभीरता से नहीं लिया जाता था। अपनी काबिलियत साबित करने में एक दशक लगा, कई सामाजिक, पारिवारिक व आर्थिक चुनौतियां झेलीं। क्षेत्रीय अखबारों में कम वेतन से वित्तीय संकट बना रहा। लेकिन फीफा वर्ल्ड कप में पहचान मिलने के बाद लोग मुझे गंभीरता से लेने लगे। मुझे जब भी मौका मिलता है, मैं महिलाओं और लड़कियों की मदद के लिए तैयार रहती हूं।
अहम बात
मुझे कोरियाई राष्ट्रीय खेल वर्ल्ड ताइक्वांडो से जुड़ने का अवसर मिला। कोरिया स्पोर्ट्स प्रमोशन फाउंडेशन की मदद से मैं असम में स्कूल जाने वाली बच्चियों के लिए एक सेल्फ डिफेंस प्रोजेक्ट भी चला रही हूं।
मानसिकता में बदलाव लाना होगा
संवैधानिक अधिकारों के प्रति जागरूकता के लिए शिक्षा बहुत जरूरी है। इसलिए सभी माता-पिता को बालिकाओं के अधिकारों के प्रति सचेत रहना चाहिए। यह उनकी जिम्मेदारी है कि वे बेटों की तरह ही बेटियों को भी समान अवसर दें। किसी भी देश की प्रगति महिलाओं के योगदान के बिना संभव नहीं है, इसलिए शिक्षा, खेल, व्यवसाय या किसी भी पेशे में महिलाओं को समान अवसर मिलना बहुत आवश्यक है ताकि वे भारत की प्रगति में अपना अच्छा योगदान दे सकें।