Navratri 2024: गजब संयोग… अष्टमी-नवमी एक दिन, फिर भी नवरात्रि पूरे 9 दिन
Navratri 2024: गुरुवार यानी 3 अक्टूबर से शुरू हो रही शारदीय नवरात्रि इस बार अपनी तारीखों के अद्भुत संयोग और खगोलीय घटनाओं के साथ अनोखा संयोग लेकर आ रही है। इस बार अष्टमी और महानवमी एक ही दिन यानी 11 अक्टूबर को मनाई जाएगी। दिलचस्प बात ये है नवरात्रि फिर भी पूरे 9 दिनों की होगी।
जानिए वजह
रायपुर में बोरियाकला स्थित शंकराचार्य आश्रम के प्रमुख स्वामी डॉ. इंदुभवानंद बताते हैं कि इन 9 दिनों में भक्तों को पूजन के लिए ग्रह-नक्षत्रों का शुभ संयोग मिलेगा। ऋतु परिवर्तन की वजह से नवरात्रि के 9 दिनों में दिन-रात एक बराबर होंगे।
खगोलीय घटनाओं का संगम
गौरतलब है कि नवरात्रि का यह समय खगोलीय घटनाओं का संगम होता है, जिसे वैज्ञानिक दृष्टिकोण से ‘इक्विनॉक्स’ कहा जाता है। इन दिनों में धरती तक सूरज और चंद्रमा की रौशनी बराबर पहुंचती है। ऋतु परिवर्तन के इस दौर को विज्ञान की भाषा में ‘प्रिंसिपल ऑफ थर्मोडायनामिक्स’ भी कहते हैं। माना जाता है कि यह जो हमारे जीवन में नई ऊर्जा और सकारात्मकता का संचार करता है।
पूजा के लिए ये तैयारी
देवी दुर्गा की पूजा के लिए साफ-सफाई का खास ध्यान रखना आवश्यक है। घर में गोमूत्र और गंगाजल का छिड़काव करें। रंगोली बनाएं। वंदनवार लगाएं। गणेशजी, शिवजी और देवी दुर्गा का जल-दूध से अभिषेक करें। दूर्वा, बिल्व पत्र और फूलों के हार अर्पित करें। नवरात्रि में रोज 108 बार देवी के मंत्र ‘ऊं दुं दुर्गायै नम:’ का जाप करना न भूलें।
5 मुख्य बातें, जो आपको जाननी चाहिए…
- इस नवरात्रि अष्टमी-नवमी की पूजा एक ही दिन 11 अक्टूबर को होगी।
- दशहरा 12 अक्टूबर को मनाया जाएगा, जो शनिवार को पड़ रहा है।
- देवी की भक्ति के लिए पूरे नौ दिन मिलेंगे, जो नवरात्रि के अनुकूल है।
- विज्ञान की दृष्टि से ये समय सूर्य और चंद्रमा की रोशनी के संतुलन का होता है।
- ऋषियों ने इसे ध्यान, साधना और जीवन में नई शुरुआत का समय बताया है।
किस दिन किस देवी की पूजा! जानिए…
3 अक्टूबर: मां शैलपुत्री
4 अक्टूबर: मां ब्रह्मचारिणी
5 अक्टूबर: मां चंद्रघंटा
6 अक्टूबर: मां कूष्मांडा
7 अक्टूबर: मां स्कंदमाता
8 अक्टूबर: मां कात्यायनी
9 अक्टूबर: मां कालरात्रि
10 अक्टूबर: मां सिद्धिदात्री
11 अक्टूबर: मां महागौरी
घट स्थापना मुहूर्त
शुभ मुहूर्त: सुबह 6.15 से 7.22 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त: 11.46 से 12.33 बजे तक।