NEET UG 2024 परीक्षा में बड़ी गड़बड़ी! हाईकोर्ट में हुई सुनवाई, जानिए क्या है पूरा मामला
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) से मंगलवार को जारी किए गए नीट के नतीजों में एक छात्रा का रिजल्ट पीडीएफ लगातार वायरल हो रहा है। इस पीडीएफ में छात्रा को नीट में 720 में से 719 अंक मिले हैं। जबकि प्रश्नपत्रों की मार्किंग के हिसाब से यह मुमकिन नहीं है। इसको लेकर परीक्षा एजेंसी एनटीए सवालों के घेरे में है। दरअसल, नीट में कुल 200 प्रश्न होते हैं, जिनमें से 180 सॉल्व करने होते हैं। एक प्रश्न 4 अंकों का होता है।
एक प्रश्न गलत करने पर एक अंक माइनस मार्किंग का कटना चाहिए। ऐसे में छात्रा को 716 अंक मिलने थे, लेकिन उसे 719 अंक दिए गए। रिजल्ट देखते ही भिलाई के कोचिंग संस्थानों और नीट एस्पेरेंट के बीच एनटीए में हुई इस गड़बड़ी पर चर्चाएं गर्म हो गई। हर कोई एनटीए पर आरोप लगाता रहा। इन चर्चाओं का फैक्ट चेक करने पत्रिका ने एनटीए के ऑफिशियल और नोडल ऑफिसर्स से बात की। जानिए उन्होंने क्या दिया 719 अंकों का तर्क…
बालोद में हुई ब्लंडर गलती के अंक क्यों नहीं?
नीट की परीक्षा के दिन बालोद में बनाए गए एग्जाम सेंटर स्वामी आत्मानंद हिंदी माध्यम स्कूल में भी भारी गड़बड़ी हुई। नीट यूजी की परीक्षा में पर्चा वितरण को लेकर परीक्षार्थियों ने हंगामा किया। दरअसल, परीक्षा केंद्र में परीक्षार्थियों को गलत पेपर बांट दिया गया। इसके 35 मिनट बाद सभी से पेपर वापस मांगकर 10 मिनट बाद दूसरा पेपर बांटा गया।
परीक्षार्थियों ने पेपर हल करने के लिए 45 मिनट अतिरिक्त देने की मांग की लेकिन उनसे पर्चा ले लिया गया, जिसके बाद केंद्र में परीक्षार्थियों और उनके अभिभावकों ने हंगामा करना शुरु कर दिया। यहां दोनों परीक्षा केंद्र में कुल 391 परीक्षार्थियों ने नीट की परीक्षा दी थी। परीक्षा में पेपर वितरण में हुई गलती को लेकर उसी समय अभ्यर्थियों और उनके परिजनों ने बोनस अंक की मांग की थी लेकिन रिजल्ट में किसी भी छात्र को बोनस अंक नहीं दिया गया।
हाईकोर्ट में दायर करेंगे रीट
बालोद परीक्षा के दौरान हुई गड़बड़ी के मामले में पैरेंट्स बिलासपुर हाईकोर्ट की शरण में गए। 24 मई को हुई सुनवाई में हाईकोर्ट के समक्ष एनटीए के वकील ने जानकारी दी कि 23 मई को ही एक विशेष समिति बना दी गई है जो नीट की परीक्षा के दौरान हुई गलती की जांच करेगी। मंगलवार को नीट का रिजल्ट आने के बाद एनटीए ने बालोद के सभी बच्चों का रिजल्ट जारी कर दिया, जिससे बच्चे बेहद नाखुश हैं। अब एक बार फिर पैरेंट्स हाईकोर्ट में एनटीए को चुनौती देने की तैयारी में हैं।
क्योंकि जांच समिति की रिपोर्ट में क्या हुआ, इसका नतीजा क्या निकाला कोई जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई। यहां तक कि जांच समिति ने उक्त परीक्षा केंद्र के किसी भी बच्चे से मुलाकात नहीं की।
एनटीए के सिटी नोडल आरएस पांडेय ने बताया कि एनटीए ने कुछ अभ्यर्थी को ग्रेस मार्क्स दिए हैं, जिसकी वजह से अंकों में बढ़ोतरी हुई है। 719 अंक भी ग्रेस मार्क्स के कारण ही हुआ। दरअसल, नीट की परीक्षा के दौरान कुछ केंद्रों में प्रश्नपत्र 10 से 20 मिनट तक देरी से वितरित हुए। इससे पेपर हल करते समय अभ्यर्थियों के कई सवाल छूट गए। इसकी शिकायत करने पर छात्रों को एनटीए ने ग्रेस मार्क्स दिए।
एनटीए ने भी स्पष्ट किया है कि जिन उम्मीदवारों की नीट यूजी के दौरान समय की बर्बादी हुई है, केवल उनको ही शिकायत के आधार पर ग्रेस मार्क्स दिए गए। चर्चा यह भी है कि छात्र मामले को लेकर न्यायालय की शरण में भी गए। परीक्षा के समय की हानि का पता लगाया गया और ऐसे उम्मीदवारों को अनुग्रह अंकों के साथ मुआवजा दिया गया। इसलिए, उम्मीदवार के अंक 718 या 719 हो गए। नोडल अधिकारी का कहना है कि अंकों के इस मामले में फिलहाल एनटीए ने कोई बयान नहीं दिया है।
पालक संजय सोनबोईर ने कहा कि नीट की परीक्षा से लेकर रिजल्ट तक एनटीए सवालों के घेरे में है। बालोद के जिन बच्चों के साथ अन्याय हुआ, उसकी जांच करने के लिए समिति बनाई गई, लेकिन इसकी रिपोर्ट का क्या हुआ, किसी को बताया तक नहीं।
अपर कलेक्टर और बालोद नोडल अधिकारी चंद्रकांत कौशिक ने बताया कि नीट में गड़बड़ी का मामला हाईकोर्ट में चल रहा है। हाईकोर्ट के फैसले के बाद आगे की कार्रवाई नीट मुख्य कार्यालय से की जाएगी। हमने जिले में घटित घटनाओं की पूरी जानकारी उच्च कार्यालय को दे दी थी।