NEET यूजी का एडमिट कार्ड 20 के बाद, नए सत्र में 1910 सीटों पर होगा प्रवेश
छात्र-छात्राएं फोकस होकर कड़ी मेहनत करें। ऐसा करने से वे जरूर मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन लेने में सफल होंगे..
मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की 1910 व डेंटल कॉलेजों में बीडीएस की 600 सीटों के लिए नीट यूजी 5 मई को है। 12वीं पास व परीक्षा देने वाले छात्र-छात्राओं की तैयारियां चरम पर पहुंच गई हैं। एक माह से कम समय बाकी रहने के कारण छात्र फिजिक्स, केमेस्ट्री, बायोलॉजी समेत इससे जुड़े विषयों पर फोकस कर रहे हैं। कुछ कोचिंग संस्थान क्रैश कोर्स के माध्यम से भी छात्रों की तैयारी करा रहे हैं। एनटीए के अनुसार 20 अप्रैल के बाद नीट के लिए एडमिट कार्ड अपलोड किया जा सकता है।
प्रदेश में 10 सरकारी व 3 निजी मेडिकल कॉलेज हैं। वहीं एक सरकारी समेत 6 डेंटल कॉलेज चल रहे हैं। पिछले साल इस परीक्षा में प्रदेश के 41 हजार से ज्यादा छात्र शामिल हुए थे। इनमें 19 हजार से ज्यादा क्वालिफाइड हुए थे। इस बार 45 हजार के आसपास स्टूडेंट के शामिल होने की संभावना है। सरकारी मेडिकल कॉलेजों की 82 फीसदी सीटें स्टेट कोटे की होती हैं। इसमें स्थानीय छात्रों को एडमिशन मिलता है। जबकि 15 फीसदी सीटें ऑल इंडिया व 3 फीसदी सीटें सेंट्रल पुल की होती है।
जबकि निजी कॉलेजों में 42.5-42.5 फीसदी सीटें स्टेट व मैनेजमेंट तथा 15 फीसदी सीटें एनआरआई कोटे के लिए होती हैं। प्रदेश में नेहरू मेडिकल कॉलेज रायपुर में सबसे ज्यादा 230 सीटें हैं। दुर्ग में 200 सीटों पर प्रवेश दिया जाएगा। रिटायर्ड डीन डॉ. सीके शुक्ला व सीनियर कैंसर सर्जन व मेडिकल एक्सपर्ट डॉ. युसूफ मेमन के अनुसार नीट की तैयारी में एक माह से कम समय रह गया है। यही समय फोकस रहकर तैयारी करने का है। इसलिए छात्र-छात्राएं फोकस होकर कड़ी मेहनत करें। ऐसा करने से वे जरूर मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन लेने में सफल होंगे।
दो निजी कॉलेज की संभावना अभी मान्यता नहीं मिली
इस साल प्रदेश में दो निजी कॉलेज खुलने की संभावना है। ये रायपुर व भिलाई में है। हालांकि एनएमसी ने अभी मान्यता नहीं दी है। राज्य सरकार व हैल्थ साइंस विवि की औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं। अगले साल कवर्धा, जांजगीर-चांपा, मनेंद्रगढ़ व दंतेवाड़ा व जशपुर में सरकारी कॉलेज शुरू होने की संभावना है।
सरकारी में एमबीबीएस की 50-50 सीटें होंगी। वहीं निजी कॉलेज ने 150-150 सीटों के लिए आवेदन किया है। एक निजी कॉलेज का एनएमसी ने निरीक्षण भी कर लिया है, लेकिन पिछले साल मान्यता नहीं मिल पाई थी। जबकि सरकारी कॉलेजों के लिए अभी आवेदन नहीं किया गया है।