News of the day: एक-दो नहीं बल्कि 8000 पेड़ों की मां हैं कर्नाटक की थिम्मक्का, जानिए उनके बारे
एक-दो नहीं बल्कि 8000 पेड़ों की मां हैं कर्नाटक की थिम्मक्का। कन्नड़ में पेड़ों की कतार को सालूमरादा कहा जाता है। काफी अधिक संख्या में पेड़ लगाने के कारण उनका नाम सालूमरादा थिम्मक्का पड़ा। पर्यावरण के प्रति समपर्ण और उसे बचाने के लिए संघर्ष को देखते हुए 2019 में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया।
पेड़ लगाने के प्रति उनके जुनून के कारण उन्हें लोग ‘ट्री वुमन’ और ‘पेड़ों की मां’ कहते हैं। घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण थिम्मक्का को पढ़ाई छोड़नी पड़ी और माता-पिता के साथ खेतीबाड़ी करने लगी। बहुत कम उम्र में उनकी शादी हो गई। एक बार वह पति के साथ कहीं जा रही थीं।
रास्ते में कोई पेड़ न देख उन्हें बहुत अजीब लगा, तभी उनके पति और उन्होंने उस रास्ते में पेड़ लगाने की तैयारी शुरू की। इसके बाद थिम्मक्का और उनके पति जगह-जगह गड्ढ़े खोदते, बीज बोते और पौधे के पेड़ बनने तक उनकी देखभाल करते। 1991 में पति की मृत्यु के बाद भी उन्होेंने पर्यावरण के प्रति समर्पित अपना सफर जारी रखा और लगातार पेड़ लगाती रहीं। इतना ही नहीं इन पेड़ों को बचाने के लिए थिम्मक्का ने लड़ाई भी लड़ी। उन्होंने 2019 में सड़क चौड़ीकरण के कारण 350 से अधिक बरगद के पेड़ों पर मंडराने वाले खतरे के लिए संघर्ष किया।