एनआईटी के ऋत्विक को सर्वश्रेष्ठ शोध प्रबंध का राष्ट्रीय पुरस्कार, सुधरेगी मजदूरों की सेहत और कार्यक्षमता
मजदूरों के हितों को लेकर कई योजनाएं चल रही हैं, लेकिन आज भी कार्य स्थल पर उनके रहन-सहन की स्थिति अच्छी नहीं है। इससे उनकी सेहत पर असर तो पड़ता है, कार्यक्षमता भी प्रभावित होती है। इसे ध्यान में रखते हुए एनआईटी के छात्र ऋत्विक हल्दर ने आर्किटेक्चरल थिसिस (शोध प्रबंध) लिखी जिसे राष्ट्रीय स्तर पर बेस्ट थीसिस का अवॉर्ड मिला है।
ऋत्विक को 31 अगस्त को मुंबई में पुरस्कृत किया जाएगा, जहां उन्हें प्रशस्ति पत्र और 40 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। ऋत्विक हलदर ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिज़ाइन की प्रवेश परीक्षा में एआईआर 1 हासिल किया है और हाल ही में एनआईडी अहमदाबाद में दाखिला लिया है।
ऋत्विक हल्दर ने पत्रिका से बातचीत में बताया, थीसिस की थीम ’डिजाइनिंग पोर्टेबल हाउसिंग मॉड्यूल फॉर लैबोरेर कम्युनिटीज’ थी। जिसे मैंने आर्किटेक्चर और प्लानिंग डिपार्टमेंट के असिस्टेंट प्रोफेसर विवेक अग्निहोत्री की गाइडेंस में किया। इस तरह के मॉड्यूलर होम मजदूर कार्यबल की ऑन-साइट रहने की स्थिति को बदल सकते हैं, जिसके चलते उनकी कार्यक्षमता में वृद्धि होती है।
इस प्रतियोगिता में देशभर के लगभग 50 आर्किटेक्ट इंस्टीट्यूट शामिल हुए। जिसका आयोजन मुंबई के फोल्ड डिजाइन स्टूडियो ने किया था। बी.आर्क. के अंतिम वर्ष में, प्रत्येक छात्र को आर्किटेक्चरल थीसिस के रूप में एक साल का शोध प्रबंध करना होता है। छात्रों के लिए फोल्ड डिजाइन स्टूडियो हर साल राष्ट्रीय प्रतियोगिता का आयोजित कर बेस्ट परफॉर्मर को अवॉर्ड देता है।