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खुशखबरी! अब शून्य नंबर पर भी होगा बीएससी नर्सिंग में प्रवेश, आईएनसी ने दी अनुमति

बीएससी नर्सिंग में प्रवेश के लिए व्यापमं से होने वाला इंट्रेंस एग्जाम महज औपचारिक बनकर रह गया है। इंडियन नर्सिंग काउंसिल (आईएनसी) ने 122 निजी कॉलेजों में बीएससी की खाली 4775 सीटों को जीरो परसेंटाइल से भरने की अनुमति दे दी है। यह अनुमति बुधवार को दी गई। जानकारों के अनुसार अब शून्य नंबर वाला भी प्रवेश ले सकेगा। यह क्वालिटी एजुकेशन के लिए घातक साबित होगा।

प्रदेश में 8 सरकारी नर्सिंग कॉलेजों की सभी सीटें भर चुकी हैं, लेकिन तीन राउंड के बाद भी निजी नर्सिंग कॉलेजों में बीएससी की 66.12 फीसदी सीटें खाली हैं। इन सीटों को भरने के लिए अब नए सिरे से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया जाएगा। ताकि जीरो परसेंटाइल वाले छात्र-छात्राएं भी रजिस्ट्रेशन कर सके। इस संबंध में डीएमई कार्यालय जल्द ही शेड्यूल जारी कर सकता है। एडमिशन की आखिरी तारीख 31 अक्टूबर से बढ़ाकर 30 नवंबर पहले ही की जा चुकी है। पत्रिका ने 1 अक्टूबर को खबर प्रकाशित कर जीरो परसेंटाइल से प्रवेश होने की संभावना जाहिर कर दी थी। दरअसल ये पिछले 5 सालों का ट्रेंड रहा है कि निजी कॉलेजों में सीटें बचने पर जीरो परसेंटाइल से प्रवेश होने की परंपरा बन गई है। यही नहीं 12वीं बायोलॉजी के आधार पर भी प्रवेश दिया गया है।

कमिश्नर ने जून में लिखा था

पत्र, एंट्रेंस एग्जाम जुलाई में: कमिश्नर मेडिकल एजुकेशन जेपी पाठक ने इंट्रेंस एग्जाम के पहले यानी जून में निजी नर्सिंग कॉलेज संघ की मांग पर आईएनसी को पत्र लिखकर जीरो परसेंटाइल से प्रवेश देने की मांग की थी। इसका मतलब ये है कि एंट्रेंस एग्जाम होने के पहले ही जब जीरो परसेंटाइल से प्रवेश का मन चिकित्सा शिक्षा विभाग से जुड़े आला अधिकारी बना लें तो नर्सिंग शिक्षा का भगवान ही मालिक है। जानकारों का कहना है कि सीएमई व डीएमई का आईएनसी को तत्काल पत्र लिखना, ये भी दर्शाता है कि निजी कॉलेज संघ की पैठ कितनी गहरी है। वे जब चाहे, तब तारीख बढ़वा सकते हैं और जीरो परसेंटाइल से प्रवेश दिलाने का माद्दा भी रखते हैं। यही नहीं सीटें खाली रहीं तो 30 नवंबर के बाद भी तारीख बढ़ाई जा सकती है। आईएनसी को बस सीएमई व डीएमई के पत्र का इंतजार रहेगा।

पिछले सत्र का एडमिशन इस साल फरवरी में पूरा हुआ

पिछले सत्र 2023-24 का एडमिशन इस साल 29 फरवरी तक हुआ। तब आखिरी तारीख 30 नवंबर थी, लेकिन ढाई माह बाद अचानक आईएनसी ने 29 फरवरी की तारीख तय कर दी थी। इसके बाद भी बीएससी नर्सिंग की 900 से ज्यादा सीटें खाली रह गईं। पिछले माह डीएमई डॉ. यूएस पैकरा ने आईएनसी को पत्र लिखकर निजी नर्सिंग कॉलेजों के अलग-अलग संघों के पत्र का हवाला देते हुए जीरो परसेंटाइल से प्रवेश की मांग की थी। इसमें एक गुट ने 24 सितंबर, दूसरे गुट ने 27 नवंबर व तीसरे गुट ने 17 अक्टूबर को जीरो परसेंटाइल से प्रवेश देने की मांग की थी। पत्र में कहा है कि व्यापमं की इंट्रेंस एग्जाम में 14421 अभ्यर्थी कम परसेंटाइल के कारण एडमिशन के लिए अपात्र ठहराए गए हैं।

Sarita Tiwari

बीते 24 सालों से पत्रकारिता में है इस दौरान कई बडे अखबार में काम किया और अभी वर्तमान में पत्रिका समाचार पत्र रायपुर में अपनी सेवाए दे रही हैं। महिलाओं के मुद्दों पर लंबे समय तक काम किया ।
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