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अब बुजुर्ग भी ले सकेंगे कॉलेजों में एडमिशन, नई शिक्षा नीति के तहत हुआ ये बड़ा बदलाव, जानिए अभी

भिलाई. पढ़ने-लिखने की कोई उम्र नहीं। आप चाहेे 20 साल के हों या फिर उम्र हो 85 वर्ष, अब कॉलेज जाकर पढ़ने का सपना पूरा हो सकेगा। नई शिक्षा नीति के तहत दुर्ग संभाग के किसी भी कॉलेज में एडमिशन के लिए आयु सीमा का बंधन समाप्त कर दिया गया है। इंजीनियरिंग सहित विभिन्न तकनीकी पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए भी यही नियम लागू होगा।

सामान्य डिग्री कॉलेजाें में प्रवेश 16 जून से शुरू होंगे, वहीं तकनीकी पाठ्यक्रमों में अगस्त में प्रवेश शुरू किए जाएंगे। दुर्ग संभाग में हेमचंद यादव विश्वविद्यालय के कुल 161 कॉलेजों में दाखिला दिया जाएगा। इसी तरह छत्तीसगढ़ विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय से संबद्ध 172 कॉलेजों में प्रवेश मिलेंगे।

संभावित कैलेंडर के मुताबिक प्रवेश प्रक्रिया महाविद्यालय स्तर पर 16 जून से 31 जुलाई तक चलेगी। कुलपति के अधिकार से 14 अगस्त तक आखिरी प्रवेश दिए जा सकेंगे। मेरिट सूची से हुए प्रवेश से 1 जुलाई से नियमित कक्षाएं शुरू हो जाएंगी। स्नातक स्तर की वार्षिक परीक्षाएं मार्च में शुरू होंगी। अन्य कक्षाओं के लिए 16 जून से 15 जुलाई तक या परीक्षा परिणाम घोषित होने के तिथि से 10 दिन के अंदर प्रवेश लेना होगा। नया कैलेंडर आने पर इसमें मामूली बदलाव होना भी संभावित है।

कुलपति बनाएंगे शैक्षणिक कैलेंडर
हमेशा से ही कॉलेजों में प्रवेश के लिए शैक्षणिक कैलेंडर और प्रवेश मार्गदर्शिका उच्च शिक्षा विभाग बनाया करता था, लेकिन इस बार यह जिमेदारी चार विवि के कुलपति के पैनल को सौंप दी गई हैं। यह कमेटी जल्द ही नए सिरे से शैक्षणिक कैलेंडर बनाएंगे। यही कैलेंडर ऑटोनोमस कॉलेजों में भी लागू होंगे, हालांकि उनका एडमिशन प्रोसेस थोड़ा अलग होगा। दुर्ग साइंस कॉलेज खुद की वेबसाइट के जरिए प्रवेश देगा, अन्य सभी कॉलेजों में प्रवेश हेमचंद यादव विवि की अधिकृत वेबसाइट के जरिए कराए जाएंगे। ऑनलाइन प्रवेश अगले महीने शुरू होने की उमीद है।

नई शिक्षा नीति के तहत कॉलेजों में प्रवेश के लिए आयु सीमा का बंधन हटा दिया गया है। आगामी सत्र से प्रवेश के लिए सभी संस्था इस नियम का पालन करेंगे।

भूपेंद्र कुलदीप, कुलसचिव, हेमचंद विवि

Sarita Tiwari

बीते 24 सालों से पत्रकारिता में है इस दौरान कई बडे अखबार में काम किया और अभी वर्तमान में पत्रिका समाचार पत्र रायपुर में अपनी सेवाए दे रही हैं। महिलाओं के मुद्दों पर लंबे समय तक काम किया ।
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