राज्य सरकार का बड़ा ऐलान, अब 24 घंटे खुले रहेंगे दुकान, पार्लर, कैफे; महिलाएं कर सकेंगी नाइट शिफ्ट
सरकार के इस फैसले से महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेगे, लेकिन सार्वजनिक परिवहन और सुरक्षा के इंतजाम भी पुख्ता हो

महिला सशक्तिकरण की दिशा में छत्तीसगढ़ की साय सरकार ने एक बड़ा एलान किया है कि अब 24 घंटे दुकानें, पार्लर, कैफे और रेस्टोरेंट खुले रहेंगे और महिलाएं नाइट शिफ्ट में काम कर सकती हैं, लेकिन इस ऐलान के साथ ही सार्वजनिक परिवहन आसानी से नहीं मिलने वाली चिंता भी महिलाओं को सता रही है। इस दिशा में भी सरकार को महिला सुरक्षा को लेकर कुछ नए निर्णय लेने होंगे। छत्तीसगढ़ में व्यापारिक विकास को बढ़ावा देने, रोजगार के अवसर पैदा करने और शहरी बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने यह बड़ा एलान किया है।
महिलाएं कर सकेंगी नाइट शिफ्ट में काम
कैबिनेट मंत्री लखन लाल देवांगन ने इस फैसले की घोषणा करते हुए बताया कि अब छत्तीसगढ़ में दुकानें 24 घंटे खुली रह सकेंगी और महिला कर्मचारी भी नाइट शिफ्ट में काम कर सकेंगी।
सरकार द्वारा 13 फरवरी को जारी अधिसूचना के अनुसार, अब दुकान और प्रतिष्ठान पंजीकरण नगर निकायों के बजाय श्रम विभाग के अधीन रहेगा। पंजीकरण शुल्क को संशोधित कर कर्मचारियों की संख्या के आधार पर ₹1,000 से ₹10,000 के बीच कर दिया गया है, जबकि पहले यह ₹100 से ₹250 तक था।
कर्मचारियों को साप्ताहिक अवकाश मिलेगा
पहले व्यवसायों को हर हफ्ते एक दिन बंद रखना अनिवार्य था, लेकिन अब व्यापारी अपने अनुसार कामकाज के घंटे तय कर सकते हैं। हालांकि, सरकार ने सुनिश्चित किया है कि कर्मचारियों के अधिकार सुरक्षित रहें। कर्मचारियों को साप्ताहिक अवकाश मिलेगा और किसी भी कर्मचारी से आठ घंटे से ज्यादा काम नहीं करवाया जा सकेगा। इसके अलावा, सभी दुकानदारों को श्रमिक कल्याण नीतियों का पालन करना अनिवार्य होगा ताकि कर्मचारियों के हित सुरक्षित रहें।
नई व्यवस्था के तहत दुकान पंजीकरण प्रक्रिया को भी सरल बना दिया गया है। पहले से ही कर्मचारी राज्य बीमा और भविष्य निधि योजनाओं में पंजीकृत व्यवसायों को स्वतः नई व्यवस्था में शामिल कर लिया जाएगा। हालांकि, उन्हें छह महीने के भीतर श्रम पहचान संख्या प्राप्त करनी होगी। इस अवधि के बाद आवेदन करने पर सरकारी नियमों के अनुसार शुल्क देना होगा।
छोटे व्यापारियों को लाभ
पहले 24 घंटे संचालन की सुविधा केवल शहरी नगर निगम क्षेत्रों तक सीमित थी, लेकिन अब यह नीति उन छोटे व्यवसायों को भी लाभ देगी जो कम से कम 10 कर्मचारियों को रोजगार देते हैं। इसके अलावा, नियमों के उल्लंघन पर दंड बढ़ा दिया गया है, लेकिन व्यवसायी लंबे कानूनी मामलों से बचने के लिए समायोजन (compounding) का विकल्प चुन सकते हैं।
सुरक्षा को लेकर चिंता
हालांकि, इस फैसले से महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेगे, लेकिन सार्वजनिक परिवहन और सुरक्षा को लेकर चिंताएं उठ रही हैं। वर्तमान में रायपुर में सिटी बस सेवा केवल रात 7:30 बजे तक ही संचालित होती है, जिससे कई महिला कर्मचारियों को रात में आने-जाने की समस्या हो सकती है। कोपोर्रेट सेक्टर में प्रोजेक्ट सेक्टर में करने वाली माधवी कहती हैं रायपुर में रात में यात्रा करना असुरक्षित लगता है क्योंकि सार्वजनिक परिवहन सीमित है और सड़कों पर सन्नाटा रहता है।