PM मोदी ने क्यों दिया चैलेंज.. मोटापा से डायबिटीज, इससे हार्ट किडनी व लिवर की हो रही बीमारी

रायपुर. मोटापा लोगों के लिए जी का जंजाल बन रहा है। यही कारण है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात में मोटापा से बचने के लिए खाने में 10 फीसदी तेल का कम उपयोग करने का आह्वान देशवासियों से किया है। दरअसल, मोटापा से डायबिटीज होता है। इसी डायबिटीज से हार्ट, किडनी, लिवर की बीमारी होती है। यही नहीं, कुछ कैंसर, हाई बीपी और कोलेस्ट्राल भी बढ़ता है। प्रधानमंत्री के भाषण के अनुसार, देश में 8 में 3 व्यक्ति मोटापे के शिकार हैं।
छत्तीसगढ़ में भी यहीं आंकड़े हो सकते हैं। हालांकि यहां मोटापे पर कोई वास्तविक सर्वे नहीं हुआ है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग इस बात को लेकर चिंतित है और प्रदेशभर में मोटापे से बचने व रोकने के लिए अभियान चला रहा है। मेडिसिन व पीडियाट्रिक विभाग के डॉक्टरों के अनुसार, पिछले 5 से 10 सालों में मोटापे से ग्रसित मरीजों की संया तो बढ़ी है, इसमें कोई संदेह नहीं है। इसका कारण खानपान व जीवनशैली है। देर रात सोना व सुबह देर से उठना, कारण है। फिजिकल एक्टिविटीज कम होना भी कारण है। लत भी मोटापे को बढ़ा रही है। मोटापा सारी बीमारियों की जड़ है। डॉक्टरों के अनुसार, मोटापा रुक गया तो अन्य बीमारियां भी स्वत ही रुक जाएंगी।
क्या है मोटापे की परिभाषा
किसी निश्चित ऊंचाई के लिए मानक वज़न से ज़्यादा वज़न होना मोटापा कहलाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, 25 से ज़्यादा बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) को अधिक वज़न माना गया है। 30 से ज़्यादा बीएमआई को मोटापा माना जाता है। 40 से ज़्यादा बीएमआई को मॉर्बिड मोटापा माना गया है। मोटापे का कारण जेनेटिक, हार्मोन व पर्यावरण संबंधी समस्या भी हो सकता है। इससे बचने के लिए संतुलित आहार खाना, शारीरिक श्रम ज्यादा करना, कम कैलोरी वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करना, फल व सब्ज़ियों का सेवन करना है।
मोटापे में ध्यान देने वाली बातें
- प्रतिदिन भोजन में 500 कैलोरी कम देने पर सप्ताह में आधा किलो वजन कम होता है।
- शक्कर व ज्यादा नमक के सेवन से परहेज करें। भोजन में प्रोटीन व फाइबर पर्याप्त मात्रा में हो।
- तले हुए, अधिक वसायुक्त जैसे चिप्स, तला पापड़, समोसा, कचौड़ी, आलू गुंडा व भजिया का परहेज।
- जैम, जैली, मिठाइयों, केक, पेस्ट्री, आइस्क्रीम, कैंडी आदि से परहेज करें।
- रेशेदार पदार्थ जैसे चोकरयुक्त व मिक्स ग्रेन आटे की रोटी, मेथीदाना पाउडर, सलाद, हरी भाजी व ओट्स का उपयोग।
- भोजन में साबुत अनाज, दाल, मौसमी फल व सब्जियों का ज्यादा सेवन करें।
- पानी व तरल पदार्थ पर्याप्त लें, जिससे भूख कम लगे।
- भोजन के पहले एक प्लेट सलाद व एक गिलास मठा लें। इससे पेट जल्दी भर जाता है।
- टीवी देखते हुए भोजन न करें। इससे अधिक भोजन खाया जाता है।
- व्यायाम व पैदल चलना जरूरी। इससे वजन कम करने में मदद मिलेगी।
(जैसा कि जनरल फिजिशयन डॉ. एस. चंद्रवंशी व पीडियाट्रिशियन डॉ. आकाश लालवानी ने बताया।)
टॉपिक एक्सपर्ट
मोटापे की वजह से हड्डियां कमज़ोर होने के अलावा इसका घनत्व कम हो सकता है। यही नहीं, इसकी संरचना को भी नुकसान पहुंच सकता है। हड्डियों में कैल्शियम और दूसरे मिनरल्स की कमी हो सकती है। हड्डियां टूटने या ़रैक्चर होने के साथ जोड़ों में दर्द हो सकता है। नसों में जकड़न हो सकती है।
- डॉ. सुनील खेमका, डायरेक्टर श्री नारायणा अस्पताल
शरीर में ज़्यादा चर्बी होने से कई तरह के कैंसर होने का रिस्क बढ़ जाता है। जैसे ग्रासनली, ब्रेस्ट, यकृत, पित्ताशय, गुर्दे, आंत्र, अग्नाशय व गर्भाशय का कैंसर हो सकता है। मोटापे की वजह से किडनी कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। अग्नाशय में इंसुलिन बढ़ने से कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं।
- डॉ. युसूफ मेमन, डायरेक्टर संजीवनी कैंसर अस्पताल