Paris Olympics 2024: भारत की धमक शुरू, 21 वर्षीय निशानेबाज मनु भाकर ने रचा इतिहास, जीता कांस्य पदक
Paris Olympics 2024: भारत की 21 वर्षीय निशानेबाज मनु भाकर ने रविवार को अपना नाम इतिहास में स्वर्ण अक्षरों से अंकित करा लिया। हरियाणा के झज्जर की मनु ने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में 221.7 अंकों के साथ कांस्य पदक पर निशाना साधकर पेरिस ओलंपिक में भारत का खाता खोला। वह ओलंपिक इतिहास में पदक जीतने वाली भारत की पहली महिला निशानेबाज बन गई हैं। स्पर्धा में कोरिया की ओह ये जिन (243.2) ने स्वर्ण और उनकी हमवतन किन येजी (241.3) ने रजत पदक जीता।
मनु ने शूटिंग में भारत के लिए निशानेबाजी में पदकों का 12 साल का सूखा भी खत्म किया। आखिरी बार 2012 के लंदन ओलंपिक में भारत के दो शूटर गगन नारंग ने कांस्य और विजय कुमार ने रजत पदक जीता था। मनु की जीत पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि देश को मनु पर गर्व है। उनकी उपलब्धि से कई खिलाड़ियों, खासतौर पर महिला खिलाड़ियों को काफी प्रेरणा मिलेगी।
मन में गीता लक्ष्य पर निशाना
कांस्य पदक जीतने के बाद मनु ने कहा, टोक्यो ओलंपिक 2020 में खराब प्रदर्शन से काफी निराश थी। इसके बाद मैंने कई बार श्रीमद्भगवत गीता पढ़ी। मेरे मन में यही चल रहा था कि मुझे वही करना है, जो कर सकती हूं। बाकी सब कुछ नियति पर छोड़ दो। आप परिणाम को नियंत्रित नहीं कर सकते। जब मैं मैदान में उतरी तो मन में गीता और लक्ष्य पर निशाना था। गीता पढ़ने से मुझे प्रेरणा मिली।
मां कहती है ‘झांसी की रानी’
मनु को मां सुमेधा ‘झांसी की रानी’ कहती है। उन्होंने बताया कि जिस दिन मनु का जन्म हुआ था उस दिन उन्हें टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट देने के लिए जाना पड़ा। मैं टेस्ट देकर घर लौटी तो मनु खुश थी? मेरे जाने के बाद भी मनु बिना रोए 4 घंटे तक रह गई थी। यह देखकर ही हमने उसका नाम मनु रखा था जिसका मतलब होता है ‘झांसी की रानी’।
पीएम नरेंद्र मोदी ने मनु के पदक जीतने के बाद फोन पर बात कर बधाई धी। मोदी ने कहा, ‘0.1 से सिल्वर आपका रह गया, लेकिन इसके बाद भी आपने देश का नाम रोशन किया। आपको दो प्रकार का क्रेडिट मिल रहा है। एक तो कांस्य पद मिला, दूसरा आप पहली महिला हैं जो शूटिंग में मेडल लेकर आई हैं। मेरी तरफ से बहुत-बहुत बधाई।’