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Nari Shakti: लोगों ने हतोत्साहित किया, लेकिन छैनी-हथौड़े से बनाई अपनी पहचान

कहते हैं न कि अगर कुछ कर गुजरने का जुनून है, तो फिर उस काम को करने से आपको कोई नहीं रोक सकता। हर परेशानी छोटी लगने लगती है। चाहे जितनी मुश्किलें आएं, आपकी मेहनत सफलता के मुकाम तक जरूर पहुंचाती है। ऐसी ही कहानी है शहर की म्यूरल व स्कल्पचर आर्टिस्ट रश्मि जैन की। रश्मि छैनी-हथौड़े से पत्थरों को इतना सुंदर स्वरूप देती हैं कि कोई सराहे बगैर नहीं रहता।

अपने लिए खुद रास्ते बनाएं, घबराएं नहीं

रश्मि का कहना है कि जो काम मैं करती हूं, वह काफी चुनौती भरा और मेहनत का काम है। लेकिन मैंने यही सीखा कि चुनौतियों से अगर आप घबरा गए, तो कभी आगे नहीं बढ़ पाएंगे। इसलिए चुनौतियां तो आएंगी ही बस आपको उनके बीच से अपना रास्ता तलाशना है। अपने शौक को कभी मरने न दें। उसे जीएं। क्योंकि वही शौक आपमें जज्बा भरेगा कुछ करने का। पिछले आठ वर्ष से वह यह काम कर रही हैं। उन्होंने बेंगलूरु, पुणे, इंदौर, सहित कई शहरों में म्यूरल्स बनाए हैं।

…जब पति के शब्द बन गए प्रेरणादायक

रश्मि ने बताया कि जब उन्होंने यह काम शुरू किया था, तो कई लोगों ने उन्हें हतोत्साहित किया। हालांकि उनके पति और परिवार ने हमेशा साथ दिया। लोग कहते यह काफी मेहनत का काम है। छैनी-हथौड़े कैसे चलाओगी। वह कहती हैं कि मेरे पति ने कहा कि लोगों की मत सुनो, अपने मन की सुनो और जो करना चाहती हो करो। उनका यह कथन मेरे लिए प्रेरणास्त्रोत रहा। मैंने अपने मन की सुनी और आज मेरी कला के क्षेत्र में पहचान बनी है।

ऐसे हुई शुरुआत

रश्मि ने बताया कि उन्होंने फैशन डिजाइनिंग का कोर्स किया, लेकिन शादी और बच्चे होने के बाद उनका वह शौक कहीं पीछे छूट गया। बच्चे बड़े हुए, तो उन्होंने डबल एमए किया। पढ़ाई के बाद वह घर से पेंटिंग करने लगीं। इसी बीच वह कुछ ऐसे लोगों से जुड़ीं, जो स्टोन पर काम करते थे। इसमें, जो म्यूरल बनाते हैं, वह क्ले से नहीं बनते, बल्कि स्टोन होता है, उससे बनते हैं। छैनी-हथौड़े से काट-छांटकर इन्हें बनाते हैं।

Sarita Tiwari

बीते 24 सालों से पत्रकारिता में है इस दौरान कई बडे अखबार में काम किया और अभी वर्तमान में पत्रिका समाचार पत्र रायपुर में अपनी सेवाए दे रही हैं। महिलाओं के मुद्दों पर लंबे समय तक काम किया ।
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