दिल्ली के लोगों ने चखा चापड़ा चटनी और महुए की कुकीज का स्वाद

जगदलपुर. नई दिल्ली के मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में आदि महोत्सव चल रहा है। यहां देश के 28 राज्यों के खान-पान और संस्कृति से जुड़े स्टॉल लगे हुए हैं। इन्हीं स्टॉल में एक स्टॉल बस्तर का है जो पूरे मेले में आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। दरअसल इस स्टॉल के जरिए बस्तर के 15 आदिवासी युवाओं की टीम महुए की चाय, कुकीज परोस रही है। साथ ही बस्तर की पहचान चापड़ा चटनी भी यहां लोगों को चखाई जा रही है।
दिल्ली के लोगों के लिए यह जायका बेहद खास है। इस वजह से मेले में आने वाले लोग इस स्टॉल पर ठहर जा रहे है। स्टॉल का संचालन कर रहे बस्तर जिले के राजेश यालम बताते हैं कि उनके साथ 15 युवाओं की टीम काम कर रही है। मार्कफेड के माध्यम से वे यहां आए हैं और बस्तर की खान-पान की पुरातन सभ्यता से देश-विदेश के लोगों को अवगत करा रहे हैं। चापड़ा चटनी को लेकर लोगों में कौतुहल का भाव होता है और वे इसका स्वाद लेकर अचंभित हो रहे हैं। लोगों के इसके औषधीय लाभ के बारे में भी बताया जा रहा है।
लाइव उत्पाद बना रहे, लग रही कतार
महुए से किस तरह से उत्पाद बनाए जाते हैं इसका लाइव डैमो दिया जा रहा है। मेले में आने वाले लोग उत्पाद का स्वाद लेने के लिए यहां पर कतार में लग रहे हैं। राजेश यालम बताते हैं कि जनजातीय कार्य मंत्रालय के केंद्रीय राज्य मंत्री दुर्गा दास उइके ने भी स्टॉल में पहुंचकर यहां बनाए जा रहे उत्पाद का स्वाद चखा और बस्तर की पुरातन संस्कृति को समझा। राजेश बताते हैं कि विदेशी पर्यटक भी स्टॉल में आ रहे हैं और बस्तर के खानपान का जायका ले रहे हैं।
राजेश बस्तर के तिरथुम में चलाते हैं ढाबा, जहां सबकुछ ऑर्गेनिक
राजेश बस्तर में भी यहां के खानपान को बढ़ावा देने पर काम कर रहे हैं। वे जगदलपुंर से 40 किमी दूर तिरथुम में आमचो बस्तर नाम से ढाबा चलाते हैं। जहां वे लोगों को सब कुछ ऑर्गेनिक परोसते हैं। ढाबा में ही वे तरह-तरह की सब्जियां लगाते हैं। साथ ही कोदो-कुटकी से बने उत्पाद भी वे यहां तैयार करते हैं। उनके ढाबा में मिलने वाले कडक़नाथ का जायका लेने देश-विदेश के पर्यटक पहुंचते हैं। बस्तर के खानपान और संस्कृति को बढ़ावा देने पर काम करने के लिए राजेश और उनकी टीम को कई मंचों पर प्रतिष्ठित सम्मान मिल चुके हैं।