2900 सहायक शिक्षकों की परमानेंट नौकरी खतरे में, सीएम से कहा- हम बचा लो नहीं तो..
सीएम साहब… एक साल पहले लगी हमारी परमानेंट नौकरी खतरे में है, अब आप ही कुछ करिए। जहां तक हो सकता था फरियाद लेकर गए। विधायक, मंत्री और सांसद तक को ज्ञापन दिया लेकिन सुनवाई नहीं हो रही। अब आपसे ही उम्मीद है। हाई कोर्ट के एक फैसले से हमारी परमानेंट नौकरी खतरे में है। यह बातें शुक्रवार को बीएड प्रशिक्षित शिक्षकों ने बीजापुर में मुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान कही।
नवनियुक्त सहायक शिक्षकों ने लगाई गुहार
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय गुरुवार को बीजापुर जिले के दौरे पर थे। इस दौरान वे वहां स्थित सेंट्रल लाइब्रेरी में युवा संवाद कार्यक्रम में भी शामिल हुए। युवा संवाद के दौरान बीजापुर जिले में पदस्थ नवनियुक्त सहायक शिक्षकों ने ज्ञापन देकर अपनी वर्तमान समस्याओं से अवगत कराते हुए मुयमंत्री से अपनी सेवा सुरक्षित करने की मांग की।
डीएड के साथ—साथ बीएड अभ्यर्थियों पर मंडरा रहा खतरा
सहायक शिक्षकों ने बताया कि शिक्षक भर्ती नियम 2019 के राजपत्र में पारित नियमों के आधार पर और इस नियम के सभी मानकों पर खरा उतरते हुए डीएड अभ्यर्थियों के साथ-साथ लगभग 2900 बीएड अभ्यर्थियों को प्राविण्य सूची में स्थान पाने के बाद सहायक शिक्षक के रूप में बस्तर एवं सरगुजा संभाग के सुदूर अंचलों में पदस्थ किया गया जो लगभग 1 वर्ष से अपनी सेवा दे रहे हैं।
उच्च न्यायालय ने बीएड प्रशिक्षित सहायक शिक्षकों को 2 अप्रैल 2024 को अमान्य कर दिया है जिससे बीएड प्रशिक्षित सहायक शिक्षक और उनके परिवारों के आजीविका के साथ ही साथ इससे शिक्षित होने वाले विद्यार्थियों पर भी प्रभाव पड़ रहा है।
न्यायालय की अवमानना के बगैर कोई रास्ता निकाला जाए
बीएड प्रशिक्षित सहायक शिक्षकों का कहना है कि उनके कराए शिक्षण कार्य के परिणाम स्वरूप बच्चों के शिक्षा स्तर में सुधार आया है। साथ ही इन शिक्षकों से प्राप्त शिक्षण के द्वारा छात्र-छात्राओं का एकलव्य, नवोदय जैसे संस्थानों में चयन भी हो रहा है जो इनकी गुणवत्तापूर्ण शिक्षण को दर्शाता है।
30 हजार लोगों के उपर आर्थिक संकट का खतरा
नवनियुक्त बीएड प्रशिक्षित सहायक शिक्षकों ने मुयमंत्री का ध्यान आकर्षण कराते हुए न्यायालय की अवमानना किए बगैर बीएड प्रशिक्षित सहायक शिक्षकों की आजीविका के साथ-साथ इससे प्रभावित परिवार के लगभग 30 हजार लोगों के ऊपर मंडरा रहे आर्थिक संकट को दूर कर सेवा को सुरक्षित रखने के लिए उचित और त्वरित कार्रवाई करने के लिए निवेदन किया है।
कोर्ट ने कहा- प्राइमरी के बच्चों को सिर्फ डीएड वाले पढ़ा सकते हैं
बीएड प्रशिक्षित शिक्षकों की नौकरी खतरे में आने की वजह सुप्रीम कोर्ट का बीएड डिग्रीधारकों को प्राइमरी स्कूलों में भर्ती के लिए अयोग्य मानना है। सुप्रीम कोर्ट ने 11 अगस्त 2023 को शिक्षकों की भर्ती को लेकर दायर याचिका पर बीएड डिग्रीधारकों को अयोग्य माना था। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को सही करार दिया और हाई कोर्ट ने अप्रैल महीने में बीएड अभ्यर्थियों को हटाकर डिप्लोमा किए हुए अभ्यर्थियों को नया सिरे से पद स्थापना देने के निर्देश दिए थे।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि 11 अगस्त 2023 के बाद बीएड डिग्रीधारकों को अपॉइंटमेंट नहीं दिया जा सकता। बस्तर और सरगुजा में शिक्षा विभाग ने सहायक अध्यापक पद के लिए 20 सितंबर 2023 के बाद प्रथम नियुक्ति पत्र दिया है। ऐसे में कोर्ट के आदेश के बाद बीएड डिग्रीधारी संकट में आ गए हैं। इस बीच डिप्लोमा धारकों का कहना है कि सहायक अध्यापक पद पर सिर्फ डिप्लोमा धारकों का ही अधिकार है। बीएड वालों को उच्च कक्षाओं के लिए पदस्थ किया जाना चाहिए।