ना कोच, ना मैदान फिर भी जीत लिया स्वर्ण पदक… PM मोदी ने की बस्तर ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाली पायल की तारीफ
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 117 वीं कड़ी में रविवार को बस्तर ओलंपिक का उल्लेख करते हुए इसे क्षेत्रीय विकास और युवाओं की ऊर्जा का प्रतीक बताया है। उन्होंने कहा कि यह खेल आयोजन केवल एक खेल महाकुंभ नहीं, बल्कि बस्तर में एक नई सामाजिक और सांस्कृतिक जागरण का प्रतीक है।
प्रधानमंत्री मोदी ने सुकमा जिले में उभरते खेल प्रतिभाओं का जिक्र करते हुए कहा कि सुकमा की पायल कवासी की बहादुरी कम प्रेरणादायक नहीं है। जेवलिन थ्रो में स्वर्ण पदक जीतने वाली पायल कहती हैं अनुशासन और कड़ी मेहनत से कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है। सुकमा के दोरनापाल के पुनेन सन्ना की कहानी तो नए भारत की प्रेरक कथा है।
एक समय नक्सली प्रभाव में आए पुनेम व्हीलचेयर पर दौड़कर मेडल जीत रहे हैं। उनका साहस और हौसला हर किसी के लिए प्रेरणा है। उल्लेखनीय है कि बस्तर ओलंपिक 2024 के दौरान पारंपरिक खेल भाला फेंक में पायल कवासी ने अपनी उत्कृष्ट प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए प्रथम स्थान हासिल किया था।
पारंपरिक खेलों को मिली नई पहचान
बस्तर ओलंपिक में परंपरागत खेलों तीरंदाजी, खो-खो, कबड्डी और रस्साकशी भाला फेंक जैसे खेलों का आयोजन किया गया। यह आयोजन मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के पहल पर बस्तर संभाग में न केवल खेल कौशल को निखारने का एक मंच बना, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में छिपी प्रतिभाओं को उजागर करने के साथ ही मुख्य धारा से जोड़ने का भी अवसर देना था। ग्रामीणों और महिलाओं की भागीदारी ने यह साबित कर दिया कि सही मार्गदर्शन और प्रोत्साहन मिलने से ये क्षेत्र भी प्रगति की मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं।
सुकमा जिले के खिलाड़ियों का जिक्र करना गौरवशाली पल
पायल ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया और कहा कि हम जैसे छोटे खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा दिखाने और आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बहुत बहुत धन्यवाद। मन की बात में सुकमा जिले के खिलाड़ियों का जिक्र करना हम सभी दूरस्थ वनांचल के खिलाड़ियों के लिए गौरवशाली पल है।