CBSE Board Exam: कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षा सिर्फ दो सप्ताह में कराने की तैयारी

नई दिल्ली. केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने अगले साल से वर्ष में दो बार परीक्षा कराने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए कक्षा 10वीं की परीक्षा की अवधि को महीने भर से घटाकर दो सप्ताह से भी कम करने पर विचार किया जा रहा है। वर्तमान में 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा की डेटशीट इस तरह से तैयार की जाती है कि छात्र द्वारा चुने गए दो विषय के पेपर एक ही तिथि पर न पड़ें। इससे परीक्षा कार्यक्रम एक माह तक खिंच जाता है और कभी-कभी दो पेपर के बीच तीन से लेकर 10 दिन का गैप होता है। इस बार भी सीबीएसई 10वीं बोर्ड परीक्षाएं 15 फरवरी से शुरू हुईं और 18 मार्च तक चलेंगी।

सीबीएसई के सूत्रों के मुताबिक अगले साल से दो बार परीक्षा कराने का सिस्टम शुरू किया जाता है तो पेपरों के बीच के गैप को कम करना पड़ सकता है। इससे बोर्ड की परीक्षाएं एक सप्ताह या 10 दिन में खत्म की जा सकेंगी। हाल ही में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की अध्यक्षता में सीबीएसइ, केंद्रीय विद्यालय संगठन और एनसीइआरटी के अधिकारियों के साथ साल में दो बार बोर्ड परीक्षा कराने के मुद्दे पर हुई बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की गई। मंत्रालय ने बोर्ड से कहा है कि वह वर्ष में दो बार परीक्षा कराने की योजना फीडबैक के लिए सार्वजनिक करे।

दो परीक्षा देने पर रखे जाएंगे बेस्ट अंक

इस साल जनवरी में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा था कि साल में दो बार परीक्षाएं कराने का फैसला अगले शैक्षणिक वर्ष 2026-27 से लागू किया जाएगा। छात्र-छात्राओं को वर्ष में दो बार परीक्षा की अनुमति दी जाती है तो केवल बेस्ट अंक ही रखे जाएंगे। योजना को लागू करने से पहले सीबीएसई दोनों परीक्षा कराने, प्रश्नपत्रों के मूल्यांकन को पूरा करने और अगले सत्र से पहले परिणाम घोषित करने की चुनौती के निपटने की कोशिश कर रहा है।

…लेकिन परीक्षा का समय नहीं बदलेगा

अधिकारियों के मुताबिक सीबीएसई बोर्ड परीक्षाएं आमतौर पर फरवरी में शुरू होती हैं। दो बार परीक्षा प्रणाली में भी संभवत: यही टाइमफ्रेम जारी रहने की संभावना है। सूत्रों ने बताया कि कुछ क्षेत्रों में कड़ी सर्दियों के चलते पहले परीक्षा आयोजित करना चुनौतीपूर्ण होगा। ऐसा होता है तो पढ़ाई के लिए भी कम समय मिलेगा।

छात्र-छात्राओं से प्रश्न-पत्र का फीडबैक

सीबीएसई की 10वीं और 12वीं बोर्ड की परीक्षाओं के प्रश्नपत्र का स्तर परीक्षार्थियों के फीडबैक से तय किया जाएगा। इसी आधार पर ग्रेस अंक देने संबंधित निर्णय लिए जाएंगे। इसके लिए परीक्षा केंद्र के हर कक्ष में उपस्थित बच्चों में से 25 फीसदी से फीडबैक लेने के निर्देश दिए हैं। छात्र-छात्राओं से प्रश्नों का स्तर, छपाई, प्रश्नों में त्रुटि और प्रश्नपत्र में सिलेबस से बाहर से प्रश्न आने के संबंध में प्रतिक्रिया ली जाएगी। यह फीडबैक उसी दिन सीबीएसई को भेजना होगा।

Sarita Tiwari

बीते 24 सालों से पत्रकारिता में है इस दौरान कई बडे अखबार में काम किया और अभी वर्तमान में पत्रिका समाचार पत्र रायपुर में अपनी सेवाए दे रही हैं। महिलाओं के मुद्दों पर लंबे समय तक काम किया ।
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