राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा- छत्तीसगढ़ मातृशक्ति का साक्षात् प्रतीक, महिला विधायक अग्रणी भूमिका निभाएं

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु सोमवार को विधानसभा के रजत जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में सदन में विधायकों को संबोधित किए। उन्होंने कहा, छत्तीसगढ़ मातृशक्ति का साक्षात प्रतीक है। राज्य की सांस्कृतिक गरिमा को मैं नमन करती हूं। उन्होंने छत्तीसगढ़ की पहली महिला सांसद मिनी माता को याद करते हुए उनके योगदान को भी नमन किया। साथ उन्होंने इस बात की सराहना की कि आज विधानसभा में 19 महिला विधायक हैं और राज्य में महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों से अधिक रही है।
राष्ट्रपति ने महिला विधायकों से कहा, वे राज्य की अन्य महिलाओं को सशक्त बनाने में अग्रणी भूमिका निभाएं। उन्होंने ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ की भावना को धरातल पर उतारने की अपील की। राष्ट्रपति ने भाषण में छत्तीसगढ़ और ओडिशा के बीच आत्मीय संबंधों के बारे में भी चर्चा की। विधायकों को राज्यपाल डेका, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, सीएम साय और नेताप्रतिपक्ष महंत ने भी संबोधित किया।
सदन में मुख्यमंत्री साय और नेताप्रतिपक्ष ने राष्ट्रपति का शाल श्रीफल और स्मृत चिन्ह देकर सम्मानित किया। विधायकों को संबोधित करने से पहले राष्ट्रपति ने विधानसभा परिसर में कदम के पौधे रोपे।
यहां के पारंपरिक लोक शिल्प की देश-विदेश में सराहना होती है।
विधानसभा संस्कृति में संवाहक और नीति निर्धारण की दिशा देने वाला केंद्र।
छत्तीसगढ़ को महानदी, हसदेव, इंद्रावती और शिवनाथ जैसी नदियों का आशीर्वाद प्राप्त है।
गुरु घासीदास के संदेश ‘मनखे-मनखे एक समान’ को उद्धृत किया।
करते हुए सामाजिक समानता और समरसता के आदर्श छत्तीसगढ़ के निर्माण की बात कही।
हम सौभाग्यशाली: मुख्यमंत्री साय
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय कहा, यह हम सभी का सौभाग्य है कि जब छत्तीसगढ़ विधानसभा अपने गौरवशाली 25 वर्षों का उत्सव मना रही है, तब देश की प्रथम नागरिक हमारे बीच उपस्थित हैं। उन्होंने कहा, वर्ष 2000 में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में बने छत्तीसगढ़ का रजत वर्ष संयोग से उनके जन्मशताब्दी वर्ष में पड़ रहा है। जिसे हम अटल निर्माण वर्ष के रूप में मना रहे हैं।