आखिर विनोद वर्मा ने क्यों कहा कि मैं भाजपा प्रवक्ताओं के खिलाफ़ मानहानि का मुक़दमा दर्ज करूंगा
रायपुर। भाजपा द्वारा कांग्रेस पर लगाए गए महादेव बेटिंग एप लेनदेन मामले पर पत्रकारों से चर्चा करते मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा ने कहा कि भाजपा ने महादेव बेटिंग एप को राजनीतिक मुद्दा बनाया जबकि इसका सोर्स कहा से मीडिया को मिला या भाजपा के पास कहा से शुभम सोनी का वीडियों आ जाता है यह किसी को पता नहीं, जबकि ईडी की चा़र्जशीट में तो शुभम सोनी का कोई जिक्र ही नहीं था और भाजपा ने सीएम भूपेश बघेल पर 508 करोड़ रूपए के लेनदेन का आरोप लगा दिया जिसमें ईडी कहती हैं कि अभी यह जांच का विषय है और अब उस प्रकरण में भाजपा द्वारा यह कहना कि उसमें विनोद वर्मा भी शामिल है।
छत्तीसगढ़ में लाखों वर्मा होंगे इनमें से हज़ारों लोगों को वर्मा जी के नाम से पुकारा जाता होगा.
तो भाजपा के राष्ट्रीय व प्रदेश प्रवक्ता किस आधार पर इस नतीजे पर पहुंचे कि वह वर्मा जी और कोई नहीं विनोद वर्मा था? मैं न किसी शुभम सोनी को जानता हूं और न कभी उससे मिला हूं। मेरा नाम प्रवक्ता गणों की ओर से जानबूझकर व अवैधानिक ढंग से लिया गया है। यह मुझे बदनाम करने की सोच समझ कर चली गई एक कुत्सित राजनीतिक चाल है।
मानहानि का मुक़दमा दर्ज करूंगा
उन्हें बताना ही होगा कि वे इस नतीजे पर कैसे पहुंचे कि ख़ुद को महादेव ऐप का मालिक बताने वाला शुभम सोनी जिस वर्मा जी का नाम ले रहा था वह मैं ही हूं। 8 नवंबर को मेरे वकील की ओर से सिद्धार्थ नाथ सिंह, केदार गुप्ता और अनुराग अग्रवाल को नोटिस भेज दी गई है। अगर वे अपने बयान के लिए सार्वजनिक रूप से खेद व्यक्त नहीं करते और अपना बयान वापस नहीं लेते तो मैं इन तीनों भाजपा प्रवक्ताओं के खिलाफ़ मानहानि का मुक़दमा भी दर्ज करूंगा।
महादेव एप पर इस तरह शु्रू हुई कार्यवाही
महादेव एप की जांच का काम छत्तीसगढ़ पुलिस ने शुरु किया। अब तक 72 मामले दर्ज किए गए हैं और 449 लोगों को गिरफ़्तार किया जा चुका है। 191 लैपटॉप, 865 मोबाइल फ़ोन और डेढ़ करोड़ से अधिक की संपत्ति और 16 करोड़ रुपए बैंक खातों में ज़ब्त किए गए हैं। छत्तीसगढ़ में दर्ज मामलों के आधार पर ही प्रत्यावर्तन निदेशालय यानी ईडी ने जांच शुरु की।
रायपुर पुलिस के साइबर सेल ने 12 अक्टूबर 2022 को गूगल को एक पत्र लिखकर कहा था कि महादेव ऐप गूगल प्ले स्टोर में उपलब्ध है, चूंकि भारत में जुआ खेलना अपराध है और इस ऐप के माध्यम से जुआ खिलवाया जा रहा है, इस ऐप को बंद कर दिया जाए और इस ऐप को बनाने और चलाने वालों के नाम पुलिस को बताए जाएं। इस पत्र के बाद गूगल ने महादेव ऐप को गूगल प्ले स्टोर से हटा दिया।
छत्तीसगढ़ पुलिस ने ही जांच के बाद पाया कि महादेव ऐप के संचालक रवि उप्पल और सौरभ चंद्राकर हैं। इसके बाद पुलिस ने इन दोनों के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया। इसके बाद से लगातार छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल लगातार कह रहे हैं कि इन अपराधियों को केंद्र सरकार गिरफ़्तार करे क्योंकि वे इस देश में नहीं रहते और छत्तीसगढ़ पुलिस के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता कि वे किसी अपराधी को किसी दूसरे देश से गिरफ़्तार करके लाएं।
उन्होंने आशंका ज़ाहिर की थी कि ऐप पर रोक इसलिए नहीं लग रही है कि क्योंकि भाजपा के लोगों से संचालकों की सांठगांठ हो गई है। आखिरकार तीन दिन पहले केंद्र सरकार ने महादेव ऐप को बंद करने का दावा किया। लेकिन दिलचस्प और हैरान करने वाली बात यह है कि उसी शाम एक समाचार चैनल ने दिखा दिया कि रोक लगाने की बात बेकार है क्योंकि ऐप तो बाक़ायदा चल रहा है और सट्टेबाज़ी का खेल निर्बाध रूप से जारी है। स्पष्ट है कि यह शायद केंद्र की मोदी सरकार के बूते की बात ही नहीं है कि वह महादेव ऐप को रोक सके। या वह चाहती ही नहीं कि इस पर रोक लगे।