Rammayi sawdeshi mela आज से लग रहे स्वदेशी मेले का इस बार कुछ अलग है अंदाज
भारत के कोने-कोने से मेले में शामिल होंगी नायाब कलाकृतियां
बीते 20 सालों से रायपुर में लग रहे स्वदेशी मेले का यह 21 वां साल है और इस साल के स्वदेशी मेले में कुछ खास होने वाला है, क्योंकि जहां रामलला अयोध्या में विराजित हो गए है वहीं उनके ननिहाल में लग रहा स्वदेशी मेले में सामाजिक समरसता की मिसाल नजर आएगी, और यहां विभिन्न संस्कृतियों की झलक देखने मिलेगी। पूरे सात दिनों तक आप अलग-अलग राज्यों के व्यंजन और संस्कृति का आनंद उठा सकते है।
रायपुर। आज से राजधानी के साइंस कॉलेज मैदान में लगने वाले स्वदेशी मेले में पूरे सात दिनों तक कई राज्यों की संस्कृति की झलक देखने मिलेगी। विगत 20 वर्षों से स्वावलंबन और आत्मनिर्भरता का प्रतीक बना स्वदेशी मेला इस बार अनूठा और विशिष्ट सौगातों से भरा होगा। जहां रामलला बालक राम की अद्भुत झांकी से मेले में राममय वातावरण छाया रहेगा। विभिन्न राज्यों के कोने-कोने के आईं नायाब कलाकृतियां, सामग्रियां, मनोरंजन तथा स्वाद के खजाने, झूले, सांस्कृतिक प्रस्तुतियां, विविध प्रतियोगिताएं विशेष आकर्षण का केंद्र होंगी।
भारतीय विपणन विकास केंद्र द्वारा आयोजित 7 दिवसीय स्वदेशी मेला साइंस काॅलेज मैदान में 25 से 31 जनवरी तक दोपहर 2 बजे से रात्रि 10 बजे तक चलेगा। मेले का भव्य उद्घाटन आज शाम 7 बजे मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मुख्य आतिथ्य में होगा।
उद्घाटन समारोह में विशिष्ट अतिथि उप मुख्यमंत्री अरूण साव, विधायक रायपुर पश्चिम राजेश मूणत, विधायक ग्रामीण मोतीलाल साहू, सभापति नगर पालिक निगम प्रमोद दुबे, अखिल भारतीय सह संगठक स्वदेशी जागरण मंच सतीश कुमार, संयुक्त निदेशक एवं कार्यालय प्रमुख सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम भारत सरकार राजीव एस रहेंगे।
ओडीसा के कलाकरों ने बनाई है रामलला की झांकी
मेले के संयोजक अमर बंसल ने बताया कि अयोध्या में जिस तरह से रामलला विराजित किए गए है इसकी एक झलक स्वदेशी मेले में नजर आएगी इस बार ओडीसा के कलाकारों द्वारा अयोध्या के रामलला के मंदिर का भव्य प्रतीकात्मक झांकी बनाई गई है। थर्माकोल से तैयार की गई इस झांकी में बालक राम की मनोहारी छवि के दर्शन सभी कर सकेगें।
400 से अधिक स्टॉल, मिलेंगे कई सामान
स्वदेशी मेले में विभिन्न राज्यों के कलाकारों एवं स्थानीय उत्पादकों द्वारा 400 से अधिक स्टाॅल लगाए गए है जहां पर घर सजाने से लेकर कई राज्यों के पारंपरिक परिधान भी नजर आएगें।
सभी समाज की अ्नोखी बानगी
मेले में महिला प्रमुख के तौर पर शामिल शताब्दी पांडेय ने बताया कि स्वदेशी मेला सामाजिक समरसता की पहचान है, क्योंकि मेले में कई समाज के लोगों ने सहयोग दिया है और पूरे सात दिनों तक अलग-अलग समाज द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुति भी दी जाएगी। पारिवारिक माहौल में हो रहे इस मेले में लगभग 65 महिलाएं निशुल्क सेवाएं दे रही हैं। महिला प्रमुख ने बताया कि इसके पीछे की वजह यह हैं कि हम स्वदेशी को बढ़ावा देना चाहते है। यहीं कारण है कि बीते 20 सालों से स्वदेशी मेला लगाया जा रहा है।
मेला आयोजन समिति के सदस्य
उद्घाटन समारोह में कथक नृत्य एवं लोकनृत्यों की मनोहारी प्रस्तुति दी जाएगी। मेले की तैयारियों को भव्यता के साथ परिपूर्ण करने में मेला सह संयोजक ललित जैन, नवीन शर्मा, प्रांत संयोजक, स्वदेशी जागरण मंच जगदीश पटेल, प्रबंधक सुब्रत चाकी, अमरजीत सिंह छाबड़ा, जी आर जगत, शताब्दी पांडेय, सुनीता चंसौरिया, संजय चैधरी, रामनारायण व्यास, प्रवीण देवड़ा, इंदिरा जैन, आशु चंद्रवंशी सहित सभी मेला आयोजन समिति के सदस्य जुटे हुए हैं।