Ravan Dahan 2024: छत्तीसगढ़ के इस गांव में आज होगा रावण दहन, देवी मां के आगमन पर मनाया जाता है पर्व
छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के मगरलोड में दशहरा महोत्सव एक दिन बाद मनाने की परंपरा है। यहां के बुजुर्ग बताते हैं कि करेली छोटी में माँ रिच्छिन माता विराजमान है। यह देवी साल में एक बार अपनी बहन चंडी माता से मिलने मगरलोड पहुँचती है। दशहरा की दूसरे दिन मगरलोड में रिच्छिन माता के पहुंचने की वर्षों पुरानी परंपरा है। माता के आगमन बाद भक्त विशेष पूजा करते हैं। इसके बाद यहां दशहरा मनाते हैं।
रिच्छिन माता के आगमन के बाद मनाते हैं दशहरा
रावण दहन भी दूसरे दिन अर्थात रिच्छिन माता के आगमन बाद मनाते हैं। मगरलोड नगर विकास समिति, बुजुर्ग, जनप्रतिनिधि द्वारा एक दिन पूर्व पूजा सामग्री भेंटकर रिच्छिन माता को मगरलोड आने का न्योता देते हैं। मन्नत के बाद ही माता का आना सुनिश्चित होता है। ग्राम करेली छोटी से रिच्छिन माता की पुजारी एवं रिच्छिन माता सेवा समिति के पदाधिकारी द्वारा गाजे-बाजे के साथ शाम के समय मगरलोड प्रवेश होता है।
चंडी माता मंदिर में होता है विश्राम
रिच्छिन माता सर्व प्रथम नगर के अखराभाठा में समिति द्वारा पूजा अर्चना कर सह समान गाजे बाजे एवं अखाड़ा नृत्य करते हुए नगर प्रवेश करती है। अंत में नगर भ्रमण कर अग्रवाल भवन के पास चंडी माता के पास ठहरती है। हजारों की संया में नगर सहित आसपास दर्जनों गांव से श्रद्धालु पहुँचते हैं। भक्त माता का दर्शन कर नारियल, अगरबती से पूजा अर्चना कर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। किदवंती है कि ग्राम करेली छोटी की रिच्छिन माता मगरलोड में निवासरत बहन चंडी माता एवं भाई ठाकुर देवता से वर्ष में एक बार दशहरा के दूसरे दिन मिलने पहुँचती है। माता का दर्शन करने हजारों की भीड़ जुटती है। सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस प्रशासन की तगड़ी व्यवस्था रहती है।
रंगारंग आयोजन भी रखा गया
रात में रामलीला मैदान में रावण वध कर दशहरा पर्व मनाया जाता है। मगरलोड का दशहरा गाँव के प्रमुख त्योहारों में से एक है। अनेक परिवारों की बेटी इस समय अपने मायके पहुचती है। हर साल दशहरा उत्सव को लेकर मनोरंजन के लिए छत्तीसगढ़ी कार्यक्रम का आयोजन होता है। इस साल स्टार नाईट कार्यक्रम आयोजित है।