Nari Shakti: पचास वर्ष की उम्र के बाद खेल में वापसी, जीते 50 से ज्यादा मेडल

बिलासपुर की रहने वालीं 61 वर्षीय वेटरन खिलाड़ी शारदा तिवारी ने खेल के मैदान में एक नई कहानी लिखी है। हाल में उन्हें विनोद चौबे पुरस्कार मिला है। वह गोला फेंक, तवा फेंक और हैमर थ्रो खेलती हैं। शारदा कहती हैं कि घर की जिमेदारियों के कारण अपने सपने और शौक भूल गई थी, लेकिन जब जिमेदारियों को पूरा किया तो 50 साल की उम्र के बाद खेल में वापसी की।

मास्टर एथलेटिक्स में जीते तीन गोल्ड मेडल

उन्होंने हाल में नेपाल के पोखरा में आयोजित मास्टर एथलेटिक्स प्रतियोगिता में उन्होंने गोला फेंक, तवा फेंक और हैमर थ्रो में तीन गोल्ड मेडल जीते हैं। वह बताती हैं कि जब पचास साल की हुईं तो खेलने बेंगलूरु गई। घरवालों ने विरोध किया वे चाहते नहीं थे कि मैं इस उम्र में खेलूं। तमाम विरोधों के बाद भी मैं खेलने गई। उस समय मुझे किसी का सपोर्ट नहीं मिला।

वह कहती हैं कि जब पहली बार ही मेडल मिला तो मेरा जीवन ही बदल गया। मैं जिंदगी के सारे कष्ट भूल गई और फिर ऐसा खेला कि पचास से ज्यादा मेडल जीत लिए। पहली बार वर्ष 2014 में एथलेटिक्स प्रतियोगिता में भाग लिया और पहली बार ही राष्ट्रीय प्रतियोगिता में हिस्सा लेने बेंगलूरु गई थी, वहां कांस्य पदक प्राप्त किया। इसके बाद बेटी राशि और रिया सहित परिवार के सदस्यों ने हौसला बढ़ाया तो उत्साह बढ़ गया।

बेटियों की प्रैक्टिस के दौरान खुद भी खेलती थीं

शारदा कहती हैं कि मैंने अपने अंदर की खिलाड़ी को कभी खत्म होने नहीं दिया था। भले ही 25 साल पिता के और 25 साल पति के घर की जिमेदारियों को पूरा किया। जब बेटियों को खेल की प्रैक्टिस कराने ले जाती थी तो वहां अपना शौक भी पूरा कर लेती थी।

Sarita Tiwari

बीते 24 सालों से पत्रकारिता में है इस दौरान कई बडे अखबार में काम किया और अभी वर्तमान में पत्रिका समाचार पत्र रायपुर में अपनी सेवाए दे रही हैं। महिलाओं के मुद्दों पर लंबे समय तक काम किया ।
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