Sawan 2024: बोल बम के नारों के साथ पदयात्रा पर निकले डिप्टी सीएम विजय शर्मा, श्रद्धालुओं के साथ बूढ़ा महादेव मंदिर में की पूजा
आज से सावन की शुरुआत हो गई है। पहले सोमवार को लेकर लेकर शिव भक्तों में भोले बाबा के प्रति गजब की आस्था झलक रही है। इधर छत्तीसगढ़ के खजुराहो के नाम से प्रसिद्ध भोरमदेव मंदिर में भी आज सुबह से भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा है। इधर आज से पदयात्रा की भी शुरुआत हो गई। प्रदेश के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने इसकी शुरुआत की।
Sawan 2024: उपमुख्यमंत्री भगवा झंडा लेकर कवर्धा से भोरमदेव मंदिर तक पद यात्रा की शुरूआत की। विजय शर्मा ने नियमों के अनुसार शहर के बुढ़ा महादेव में श्रद्धालुओं के साथ पूजा अर्चना की। इसके बाद भोरमदेव मंदिर के लिए पद यात्रा की शुरुआत की। बता दें कि लगभग 18 किलोमीटर की पद यात्रा के बाद उप मुख्यमंत्री भोरमदेव मंदिर पहुंचेंगे। इससे पहले पंचमुखी बूढ़ा महादेव का विशेष पूजा-अर्चना कर छत्तीसगढ़ प्रदेश की खुशहाली और समृद्धि के लिए कामना की।
Sawan 2024: कलेक्टर ने एक दिन पहले व्यवस्थाओं को किया निरीक्षण
कलेक्टर जनमेजय महोबे ने कवर्धा के प्रचीन बूढा महादेव मंदिर से भोरमदेव मंदिर तक होने वाले पदयात्रा की तैयारियों का निरीक्षण किया। कलेक्टर ने जिला पंचायत सीईओ, मुख्य चिकित्सा एवं अधिकारी, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, पुलिस और जनपद पंचायतों के सीईओ को स्वास्थ्य सहित अन्य मूलभूत सुविधाएं व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए हैं।
18 किलोमीटर की तक होगी पदयात्रा
छत्तीसगढ़ के खजुराहो के नाम से प्रसिद्ध भोरमदेव मंदिर के लिए पदयात्रा की शुरुआत बुढ़ा महादेव मंदिर से होती है। 18 किलोमीटर की यह पदयात्रा होती है। सदियों से चली आ रही यह पदयात्रा प्रशासनिक तौर पर आमजनों के सहयोग से कवर्धा के बुढ़ा महादेव मंदिर से 2008 से अनवरत जारी है।
श्रद्धालुओं व पदयात्रियों के जन स्वास्थ्य सुविधा व विश्राम के लिए अन्य व्यवस्था भी जिला प्रशासन द्वारा की गई है। उपमुख्यमंत्री के मंशानुरूप कलेक्टर जनमेजय महोबे के निर्देश पर जिला प्रशासन द्वारा इस पदयात्रा और पदयात्रा में शामिल होने वाले भक्तों के लिए स्वास्थ्य सहित अन्य सुविधाएं की तैयारियां पूरी कर ली गई है।
साथ ही जिले से बाहर से आने वाले पदयात्रियों के लिए रोड़ मैप भी तैयार किया गया है। सपूर्ण पदयात्रा के लिए डीजे साउंड बाक्स और स्वास्थ्य विभाग का चलित एबुलेंस रहेगा। श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य परीक्षण की व्यवस्था किया गया है। वन विभाग द्वारा पौधारोपण कराया जाएगा।
नि:शुल्क भंडारा और प्रसादी का होगा वितरण
सावन माह को शिव अराधना का महापर्व कहा जाता है। हरसाल की तरह इस बार भी सावन माह के प्रत्येक सोमवार को भोरमदेव मंदिर में कांवरियों और श्रद्धालुओं के लिए नि:शुल्क भंडारा और प्रसादी वितरण किया जाएगा। ज्वाइन हैंड्स ग्रुप की ओर से यह नि:शुल्क भंडारा लगाया जाएगा। यहां श्रद्धालुओं को भरपेट नि:शुल्क भोजन मिलेगा साथ ही व्रतधारियों के लिए फलाहार की व्यवस्था भी रहेगी।
21 जुलाई 2008 को प्रारंभ हुई पदयात्रा
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए गर्भगृह से भगवान के लाईव दर्शन के लिए एलईडी की व्यवस्था की गई है। जिस प्रवेश द्वार पर महिला व पुरूष का स्थान रखा गया है। उस द्वार का उपयोग कर भगवान भोलेनाथ का दर्शन करने के लिए किया जाएगा।
श्रावण मास भूतभावन महादेव का सबसे प्रिय माह है। इस माह में सपूर्ण भारतवर्ष शिवमय होकर बोल बम के जयकारे से गूंजने लगता है। विश्व का अद्भुत शिवलिंग सर्व मनोकामना पूर्ण करने वाले ‘पंचमुखी बूढ़ा महादेव’ वर्षों से श्रद्धालुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र बना हुआ है। हजारों शिव भक्त दूर दूर से कांवर लेकर जल चढ़ाने बूढ़ा महादेव कवर्धा और भोरमदेव आते हैं।
इसे देखते हुए तत्कालीन कलेक्टर सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी की पहल पर भोरमदेव तीर्थकारिणी प्रबंध समिति और नगर के गणमान्य नागरिकों के सहयोग से श्रावण माह के प्रथम सोमवार को बूढ़ा महादेव से भोरमदेव तक पदयात्रा प्रारभ करने का निर्णय लिया गया और पहली बार 21 जुलाई 2008 को बूढ़ा महादेव की पूजन पश्चात पदयात्रा को स्व. विघ्नहरण सिंह, कलेक्टर सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी ने झंडी दिखाई और इस तरह बाजे गाजे और बोल बम, जय बूढ़ा महादेव के उद्घोष के साथ प्रथम पद यात्रा प्रारभ हुई।
इस यात्रा में गजब का उत्साह और भक्ति भावना दिखाई दी। लोग नाचते गाते भोरमदेव पहुंचे। समनापुर से भोरमदेव तक जगह जगह स्वागत द्वार बनाये गए। रास्ते भर स्वल्पाहार, फलाहार एवं पेयजल की व्यवस्था समाज सेवी संस्थाओं, क्लबों और पंचायतों द्वारा की गई थी। यह पदयात्रा कोरोना काल को छोड़कर अनवरत जारी है। इस यात्रा में प्राय: पूर्व कलेक्टर समिलित होते रहे हैं। इस बार पदयात्रा 22 जुलाई को प्रात: 7 बाजे प्रारंभ होगा।
दोपहिया व चारपहिया वाहनों का रुट डायवर्ट
बूढ़ा महादेव मंदिर से भोरमदेव मंदिर तक पद यात्रा में बड़ी संया में श्रद्धालु शामिल होते हैं। इस दौरान भोरमदेव मार्ग में भीड़ की स्थिति रहेगी, जिससे चार पहिया व दो पहिया वाहनों से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए रुट डायवर्ट किया गया है। इस दौरान श्रद्धालु बिलासपुर रोड से आने वाले वाहन भोरमदेव तिराहा-मिनीमाता चौक-सिग्नल चौक-लालपुर रोड-सरोदा रोड होते हुए भोरमदेव में बनी निर्धारित पार्किंग में जाकर अपनी वाहन खड़ी करेंगे।
रायपुर रोड से आने वाले चार पहिया व दो पहिया वाहन रायपुर रोड बाईपास-नवीन बाजार-सिग्नल चौक-सरोदा मार्ग का उपयोग करेंगे। राजनांदगांव बायपास रोड से आने वाले चार पहिया व दो पहिया वाहन राजनांदगांव बाईपास-झंडा चौक-सिग्नल चौक-लालपुर रोड-सरोदा मार्ग का उपयोग करेंगे। भोरमदेव पदयात्रा के समय समनापुर-भोरमदेव मार्ग में सभी प्रकार के वाहन पूर्णत: प्रतिबंधित रहेंगे।
शिवजी के दर्शन के लिए विशेष व्यवस्था
ऐतिहासिक, पुरात्तव, धार्मिक, जनआस्था का प्रतीक भोरमदेव मंदिर में कंवरियों एवं श्रद्धालुओं द्वारा पदयात्रा कर भगवान शिव में जलाभिषेक करने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। कबीरधाम जिले में प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष सावन मास के प्रथम सोमवार 22 जुलाई को भोरमदेव पदयात्रा की तैयारी पूरी कर ली गई है।
शीतल पेयजल और नास्ता की व्यवस्था
भोरमदेव मंदिर परिसर के आस-पास कांवरियों के ठहरने के लिए भवन की सुविधा किया गया है। क्योंकि पूरे सावन माह में दूर-दराज से श्रद्धालुओं के अलावा कांवरियों का जत्थ ऐतिहासिक, पुरात्तव, धार्मिक, जनआस्था का प्रतीक भोरमदेव मंदिर में पहुंचते हैं। कांवरियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए व्यवस्था की गई है।
पदयात्रा मार्ग में प्रशासन द्वारा श्रद्धालुओं के लिए विभिन्न स्थानों पर शीतल पेयजल और नास्ता की व्यवस्था रखी गई है। पहला सकरी नदी विद्युत केन्द्र के पास, ग्राम समनापुर, ग्राम बरपेलाटोला, ग्राम रेंगाखारखुर्द, ग्राम कोडार, ग्राम राजानवागांव, ग्राम बाघुटोला, ग्राम छपरी(गौशाला), भोरमदेव मंदिर परिसर में व्यवस्था की गई है।