Women Pride: नौकरी को छोड़ पैशन को चुना, अब स्टार्टअप से दे रहीं रोजगार
टी हुसैन. कहते हैं वह चीज आपको खींच ही लेती है, जिसमें आपकी रुचि हो। मोवा निवासी 46 साल की आरती भटनागर के साथ ऐसा ही हुआ। वह इंटीरियर फर्नीचर की दुनिया में नाम बना चुकी हैं। साथ ही उनके साथ कई महिलाएं भी जुड़ीं। वे भी आत्मनिर्भर हुईं। उन्होंने कई लोगों के लिए रोजगार के रास्ते खोले। आरती ने बताया कि मैं संविदा पर नौकरी कर रही थी।
मुझे ऐसा लगता था कि जॉब से बेहतर खुद का बिजनेस किया जाए। मेरा बैकग्राउंड बिजनेस फैमिली से रहा है। पति की लैपटॉप रिपेयरिंग फर्म है। उनका भी सपोर्ट रहा है। बिजनेस शुरू करने से पहले मैंने सफल लोगों के वीडियो देखे फिर स्टार्टअप की प्लानिंग की। वह बताती हैं कि बचपन से होम डेकोरेशन में रुचि रही। मैंने कभी सोचा नहीं था कि एक दिन यही चीज मुझे सफलता दिलाएगी।
आरती ने बताया कि उन्होंने इंटीरियर और फर्नीचर की ट्रेडिंग से शुरुआत की। कुछ साल बाद उन्हें लगा कि ट्रेडिंग से वह लाभ नहीं मिल पा रहा जैसा उन्होंने सोच रखा था। तब उन्होंने फर्नीचर मैन्युफैक्चरिंग का छोटा-सा सेटअप डाला। आज यह पहले से काफी बड़ा हो गया है। वह कहती हैं कि लोगों को स्वरोजगार के लिए आगे आना चाहिए। दूसरों को रोजगार देने का रास्ता स्वरोजगार से ही निकलता है।
सोच यह: सकारात्मक सोच से ही सफलता पाई जा सकती है।
वर्कशॉप करना चाहतीं आरती ने बताया कि उनके कारखाने में 20 लोगों को रोजगार मिल रहा है। इसमें आठ से दस महिलाएं हैं। उनकी प्लानिंग है कि वे उन महिलाओं के लिए वर्कशॉप और सेमिनार आयोजित करें, जो शादी के बाद अपने सपनों को जीना चाहती हैं, लेकिन आत्मविश्वास के अभाव में कुछ कर नहीं पातीं।