हौसला अपार: 3 साल की उम्र में एसिड अटैक से गई आंखों की रोशनी, अब बनी स्कूल की टॉपर

सत्रह साल की कैफी ने प्रतिकूल हालात को अंगूठा दिखाकर हिम्मत और हौसले की मिसाल कायम कर दी है। हरियाणा के चंडीगढ़ की यह छात्रा जब सिर्फ तीन साल की थी, पड़ोसियों ने रंजिश के कारण उस पर एसिड फेंक दिया था। उसकी आंखों की रोशनी चली गई। चेहरा जल गया। लेकिन उसने हौसले के दम पर सीबीएसई की 12वीं की परीक्षा में 95.6 प्रतिशत अंक हासिल कर स्कूल में टॉप किया है।

उसे 10वीं कक्षा में भी 95.2% अंक के साथ स्कूल में पहला स्थान मिला था। हिसार में एसिड अटैक के बाद दिल्ली एम्स में कई साल कैफी का इलाज चला। उसने दस साल की उम्र में 2016 में पहली बार स्कूल में दाखिला लिया। माता-पिता बेहतर शिक्षा के लिए उसे लेकर 2018 में चंडीगढ़ आ गए। कैफी के पिता पवन हरियाणा सचिवालय में चपरासी हैं और मां सुमन गृहिणी हैं। दोनों 5वीं पास हैं।

आईएएस अफसर बनने का सपना

कैफी ने पढ़ाई सीधे 6वीं कक्षा में दाखिला लेकर शुरू की। उसने बताया कि शुरुआत में 6वीं की पढ़ाई काफी मुश्किल लग रही थी। मैंने पढ़ाई पर ज्यादा से ज्यादा ध्यान देना शुरू किया तो धीरे-धीरे सब आसान होता गया। कैफी का सपना आइएएस अफसर बनने का है। वह रोज सुबह-शाम 2-3 घंटे पढ़ाई करती है।

माता-पिता ने 2018 में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में दायर की थी याचिका

कैफी के साथ हुए अन्याय के खिलाफ माता-पिता ने 2018 में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। यह केस लंबित है। कैफी ने कहा, मैं पढ़ाई में मेहनत कर रही हूं, ताकि खुद अपने केस के लिए आवाज उठा सकूं और इंसाफ पा सकूं। सबसे बड़ी चुनौती पढ़ाई के लिए सामग्री जुटाना रहा। ऑडियो बुक्स की कमी और ब्रेल पुस्तकों की सीमित उपलब्धता के कारण यूट्यूब और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स का सहारा लेना पड़ा।

Sarita Tiwari

बीते 24 सालों से पत्रकारिता में है इस दौरान कई बडे अखबार में काम किया और अभी वर्तमान में पत्रिका समाचार पत्र रायपुर में अपनी सेवाए दे रही हैं। महिलाओं के मुद्दों पर लंबे समय तक काम किया ।
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