She News: परेशानियों से जूझकर बनीं गांव के लिए प्रेरणा, जानें मशरूम दीदी की कहानी

कभी दो वक्त की रोटी के लिए जद्दोजहद करने वाली जबलपुर की संगीता रैकवार आज लोगों के लिए प्रेरणा बन गई हैं। उनका मानना है कि कोई भी समस्या तब तक परेशान करती हैं जब तक कि उससे निपटने के तरीके नहीं खोज लिए जाएं। इसी सोच के साथ उन्होंने मशरूम की खेती शुरू की। अब वह क्षेत्र में मशरूम वाली दीदी के नाम से जानी जाती हैं। वह कहती हैं कि चार साल पहले घर की खराब आर्थिक स्थिति के कारण उन्होंने सरकारी विभाग से जानकारी लेकर दो कमरों में मशरूम की खेती शुरू की। अब वह इन कमरों में तीन प्रकार की किस्म के मशरूम उगाती हैं, जिससे उन्हें साल में अच्छी पैदावार प्राप्त होती है।
महिलाओं को दे रही हैं सीख
वह कहती हैं कि ‘मैं आर्थिक संकट का सामना करने वाली महिलाओं को मशरूम की खेती करने की नि:शुल्क ट्रेनिंग दे रही हूं।’ उन्हें बीज लाने से लेकर छोटी जगह में मशरूम की खेती से संबंधित पूरी जानकारी दी जाती है। झूला व रैकी पद्धति से मशरूम की खेती करने वाली संगीता बताती है कि एक पॉलिथीन बैग में साल में तीन बार मशरूम उगाया जा सकता है।