She News: विपरीत परिस्थितियों में हार नहीं मानी

जो भी करो उसे सद्भावना और दृढ़ संकल्प के साथ करो। इसी विचार के साथ जीवन के हर दौर में आगे बढ़ने का संदेश देती हैं तमिलनाडु के उत्तरी अकार्ट जिले के वलहापेट की रहने वाली कोकिला। अपने उद्यमिता कौशल का परिचय देते हुए वह लकड़ी के ऐसे खिलौनों का निर्माण करती हैं,जो बच्चों और पर्यावरण के लिए सुरक्षित हैं। जब 45 वर्ष की उम्र में उनके पति की लंबी बीमारी से मृत्यु हो गई, तब वे सकते में आ गई।
मात्र 200 रुपए महीना कमाने वालीं कोकिला पर तीन बच्चों की जिम्मेदारी आ गई। उन्होंने नौकरी के साथ कुछ और काम करने की दिशा में सोचना शुरू किया। कोकिला के पति कीटनाशक फ्यूमिगेशन का काम करते थे। कोकिला ने यह काम अपनी नौकरी के साथ शुरू किया, लेकिन कोकिला यह काम नहीं करना चाहती थी। असल में इन्हीं कीटनाशकों के प्रभाव से उनके पति की मृत्यु हुई थी। इसलिए यह काम छोड़ा और 2019 में कोकिला ने लकड़ी से खिलौने बनाने का काम शुरू किया। आज उनकी कम्पनी का सालाना टर्न ओवर एक करोड़ से अधिक है।
अपने घर से ही मिला आइडिया
लकड़ी के खिलौने बनाने का आइडिया कोकिला को अपने ही घर से मिला। एक बार वह अपने पोते-पोतियों के लिए प्लास्टिक के खिलौने खरीदने र्गइं। उन्हें वह प्लास्टिक अजीब और हानिकारक लगा। उन्होंने सोचा बच्चे इन खिलौनों से खेलते समय इन्हें मुंह में भी लेते हैं, जो उनके लिए नुकसानदायक है। इसलिए उन्होंने नीम व चीड़ की लकड़ी के ऐसे खिलौने बनाएं जो वास्तव में उपयोगी थे। उन्होंने इस काम से कई महिलाओं को जोड़ा। उनको आर्थिक रूप से सशक्त बनाया।