She News: गांव-गांव जाकर महिलाओं को शिक्षा से जोड़ने का प्रयास
स्त्रियों को आत्मनिर्भर और स्वाभिमानी जीवन जीने के लिए शिक्षित होना आवश्यक है, इसी सोच के साथ डॉ. ज्योत्सना सिखवाल उदयपुरवाटी, झुंझुनूं में महिला शिक्षा को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही हैं। इस योगदान के लिए राजस्थान सरकार ने उन्हें सम्मानित भी किया है। डॉ. ज्योत्सना ने 1000 से अधिक लड़कियों को मुफ्त शिक्षा प्रदान की है। वे बताती हैं कि बचपन में उन्होंने घर में पढ़ाई और आत्मनिर्भर बनने का माहौल देखा, लेकिन शादी के बाद परिवेश बिल्कुल अलग था। वहां महिलाओं को घूंघट में रहने और पुरुषों के पीछे रहने की सलाह दी जाती थी।
ऐसे में, किसी दोस्त के माध्यम से वे उदयपुरवाटी गईं, जहां लड़कियों की शिक्षा को महत्त्व नहीं दिया जाता था। यदि कोई लड़की पढ़ना चाहती भी थी, तो कॉलेज के दूर होने के कारण आगे की पढ़ने नहीं जा पाती थी। ऐसे में 2003 में उन्होंने एक बंद कॉलेज को फिर से शुरू करने का निर्णय लिया। इस मिशन के लिए वह अकेली थीं, फिर भी उन्होंने इसे पूरा किया।
29 से 5 हजार तक का सफर
44 वर्षीय ज्योत्सना कहती हैं कि जब मैंने कॉलेज शुरू किया तब सिर्फ 29 लड़कियों का नामांकन था। मैं बस से गांव-गांव जाकर ग्रामीणों को लड़कियों को पढ़ाने और कॉलेज भेजने के लिए समझाती, लेकिन लोग बात करने के लिए तैयार नहीं थे। लोग सोचते कि यह महिला कितने दिन यहां टिक पाएगी, लेकिन मैंने हार नहीं मानी और उसी का परिणाम है कि मेरे कॉलेज में 5 हजार से अधिक लड़कियां पढ़ती हैं। वह कहती हैं कि भले ही मैं प्रिसिंपल हूं, लेकिन जब मैंने शुरुआत की तब मेरे पास सिर्फ दो कमरे और दो लोगों का स्टाफ था। कमरों की साफ-सफाई तक मैं ही किया करती थी। दो कमरों से शुरू हुआ यह कॉलेज चार मंजिला इमारत बन गया है।