She News: महिलाओं को बैंकों तक लाने में कविता ने बनाई नई पहचान, बोली- करना है जागरूक

भोपाल की कविता चंदवानी एक साधारण बैंक कर्मचारी नहीं, बल्कि महिलाओं को बैंकों तक लाने की एक कड़ी के रूप में जानी जाती हैं। उनकी कोशिशों से चार वर्षों में सैकड़ों महिलाओं को बैंकिंग सुविधाओं से जुड़ने में मदद मिली। वह कहती हैं कि 2013 में उन्होंने मध्य प्रदेश के एक छोटे से गांव अमला से नौकरी शुरू की। वहां देखा कि घरों में काम करने वाली महिलाएं और कच्ची बस्तियों में रहने वाली बालिकाएं बैंकिंग और सरकारी योजनाओं के बारे में लगभग अनजान थीं। कई ग्रामीण शाखाओं में पोस्टिंग के दौरान इसी तरह की स्थिति पाई। महिलाओं को बैंकिंग सुविधाओं से जोड़ने के लिए उन्होंने इसे नौकरी के तौर पर न लेते हुए एक मिशन बना लिया और 2020 में इस पर काम करना शुरू किया।

साइबर सुरक्षा के लिए करती हैं जागरूक
कविता का काम सिर्फ बैंक खाते खुलवाने तक सीमित नहीं है। वह बालिकाओं और महिलाओं को साइबर सिक्योरिटी के प्रति भी जागरूक करती हैं। वह बताती हैं कि तकनीक के इस दौर में महिलाओं को यह जानना बेहद जरूरी है कि किसी के साथ अपना पासवर्ड या बैंक अकाउंट नंबर साझा न करें, फ्रॉड कॉल्स को कैसे पहचानें और ऑनलाइन फ्रॉड से कैसे बचें। वह नियमित रूप से महिलाओं और लड़कियों के समूहों से मिलती हैं और उन्हें साइबर सुरक्षा से जुड़ी बारीकियों की भी जानकारी देती हैं।
महिलाएं मुझे देख कर भाग जाती थीं
वह बताती हैं, जब मैं यहां रहने वाली महिलाओं के पास जाती तो महिलाएं बैंक का नाम सुनकर ही मुझसे दूर भाग जाया करती थीं। उनको लगता था कि खाते खुलवाने से मुझे भी कुछ फायदा होगा, इसलिए मैं इनके पास आती हूं। इसके कारण शुरुआत में तो मुझे अपनी बात कहने के लिए लोगों की नाराजगी भी झेलनी पड़ी, लेकिन मैंने हार नहीं मानी और ग्रामीण इलाकों और स्लम एरिया में घर-घर जाकर महिलाओं को बैंक खाते खुलवाने के लिए तैयार किया। यहां तक कि उनके जरूरी दस्तावेज भी मैंने ही तैयार करवाए। वह कहती हैं कि मैं ग्रामीण महिलाओं के सबसे अधिक सरकार योजनाओं के संबंधित खाते खुलवाने में भी सफल हुई।