She News: 73,000 से अधिक स्टार्टअप में है महिला निदेशक

अपनी बड़ी सोच और मजबूत इरादों के साथ महिलाएं तेजी से आगे बढ़ रही हैं। अब वह एक बेहतरीन उद्यमी बनकर देश की अर्थव्यवस्था में भी अपनी भागीदारी निभा रही हैं। हाल ही वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी की गई भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम रिपोर्ट में महिलाओं की नेतृत्व क्षमता उभर कर आई है। जो नवाचार और आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने में उनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका को दर्शाती है। कोरोना के बाद से इनके कार्यक्षेत्र में एक बदलाव देखा गया है। महिलाएं अपने बिजनेस कौशल को दिनों-दिन निखार रही हैं। इसी का परिणाम है कि वे उद्यमिता नेतृत्व में तेजी से आगे बढ़ रही हैं।

रिपोर्ट: तीसरे बड़े स्टार्टअप हब के रूप में जगह बनाने वाले भारत ने 25 दिसबर, 2024 तक 1,57,066 स्टार्टअप्स को मान्यता दी है, जिसमें 73000 से अधिक स्टार्टअप ऐसे है, जिनमें से कम से कम एक महिला निदेशक है। भारतीय महिला उद्यमी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ब्लॉकचेन जैसी उभरती तकनीकों का उपयोग करके वैश्विक और स्थानीय समस्याओं का समाधान पेश कर रही हैं।

शहरी नवाचार केंद्रों में महिला उद्यमियों का प्रभाव

बेंगलुरु, हैदराबाद, दिल्ली-एनसीआर और मुंबई जैसे नवाचार केन्द्रों में महिलाएं अपनी कंपनियों का नेतृत्व कर रही हैं, जो दिखाता है कि महिला उद्यमिता इन शहरों के विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान दे रही है। यूनिकॉर्न स्टार्टअप में महिलाओं की बढ़ती हिस्सेदारी यह साबित करती है कि महिला नेतृत्व भारतीय स्टार्टअप्स में एक सशक्त शक्ति बनकर उभरा है। विशेषकर तकनीकी और उभरते क्षेत्रों में महिलाओं की सक्रिय भूमिका ने भारतीय स्टार्टअप्स को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाई है।

महिलाओं की सफलता ने भारतीय समाज में एक सकारात्मक बदलाव को बढ़ावा दिया है, जहां अब लड़कियां और महिलाएं भी तकनीकी और व्यवसायिक क्षेत्रों में कॅरियर बना रही हैं। इससे महिलाओं के लिए नए अवसर खुले हैं और समाज में उनके प्रति दृष्टिकोण में भी बदलाव आ रहा है।

ललिता कुच्छल, एन्टरप्रेन्योर

Sarita Tiwari

बीते 24 सालों से पत्रकारिता में है इस दौरान कई बडे अखबार में काम किया और अभी वर्तमान में पत्रिका समाचार पत्र रायपुर में अपनी सेवाए दे रही हैं। महिलाओं के मुद्दों पर लंबे समय तक काम किया ।
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