She News: महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना मेरा मकसद
घर की महिला आत्मनिर्भर होगी तो ही परिवार सशक्त होगा। इसी सोच के साथ जयपुर की 47 वर्षीय वर्षा मुलानी पिछले 13 सालों से महिलाओं और बालिकाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के प्रयास में लगी हुई हैं। इसके लिए वह कच्ची बस्तियों, स्कूलों आदि में विभिन्न तरह के कैम्पों का आयोजन करवाती हैं। इसके साथ ही वह बच्चों को आर्ट एण्ड क्राफ्ट, डांस, पेंटिंग की ट्रेनिंग देकर उनकी हौसलाफजाई के लिए विभिन्न प्रोग्राम भी करवाती हैं।
स्वरोजगार की ट्रेनिंग
वह बताती हैं कि उनका मकसद महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। इसके लिए वर्षा कच्ची बस्तियों और शेल्टर होम्स की महिलाओं को सिलाई, कढ़ाई, बुनाई, हेंडमेड आइट्म्स, पेंटिंग, ब्यूटी पार्लर आदि का कोर्स करवाकर उन्हें रोजगार से भी जोड़ती हैं। इसके लिए वह उन्हें कई निजी संस्थाओं में काम के लिए व्यवस्था करवाने के साथ ही वर्क फॉर्म होम दिलवाने में भी मदद करती हैं। वर्षा के अनुसार, उन्होंने अभी तक करीब तीन से चार हजार महिलाओं को स्वरोजगार की ट्रेनिंग दिलवा दी है।
यू हुईं शुरुआत
वह कहती हैं कि ‘अधिक फीस के कारण कच्ची बस्तियों के बच्चे समर कैम्प में भाग नहीं ले पाते थे। मैंने सोचा कि क्यों न मैं ही इन बच्चों के लिए ऐसे कैम्प की व्यवस्था करूं, जिसमें वे बिना पैसों के अपनी पसंद की चीजें सीखें। 2011 में मैंने एक संस्था के साथ मिलकर कैम्प लगाया। इसके बाद मैं बच्चों के साथ-साथ महिलाओं के लिए भी नि:शुल्क प्रशिक्षण शिविर आयोजित करवाने लगी।’