She News: ऑर्गेनिक खेती कर सालाना कमा रही हैं 25 लाख रुपए
कहते हैं जो आप बोओगे वही काटोगे। कीटनाशकों के छिड़काव से की जाने वाली खेती सिर्फ 15 साल तक हो सकती है, लेकिन ऑर्गेनिक रूप से की जाने वाली खेती जिन्दगीभर के लिए है। यह कहना है भीलवाड़ा की 32 वर्षीय पूर्वा जिंदल का। उन्होंने जमीन की उपजाऊ क्षमता खत्म होने से बचाने के लिए कीटनाशकों का इस्तेमाल बंद कर आर्गेनिक खेती करनी शुरू की।
उन्होंने बताया कि 2020-21 में शुरू की गई इस जैविक खेती से वह सालाना 25 लाख रुपए कमा रही हैं। पूर्वा के अनुसार, कोरोना के दौरान लोग घरों में बंद हो गए थे। उस समय खाने-पीने के सामान खासतौर पर सब्जियों के मामले में परेशानी हो रही थी। ऐसे में पापा ने ऑर्गेनिक खेती का आइडिया दिया ताकि लोग प्रदूषण मुक्त खाना खा सकें। इसके लिए सबसे पहले मैंने पूरी रिसर्च की। फिर मिट्टी का परीक्षण किया। उपजाऊ क्षमता में कमी पाई जाने पर उसमें सुधार किया और फिर काम शुरू किया।
घर में भी कर सकते हैं ऑर्गेनिक खेती
पूर्वा कहती हैं कि आर्गेनिक उत्पादों के लिए आज हर कोई जागरूक है। इसे आप अपने घर में भी उगा सकते हैं। आप कई तरह की सब्जियां और फल गमलों में लगा सकते हैं। इसके लिए बस सही देखभाल की जरूरत है। वह कहती हैं कि आप गमलों में गोबर की खाद या किचन वेस्ट से कम्पोस्ट बनाकर गमलों में डाल सकते हैं। वहीं गोमूत्र का समय-समय पर छिड़काव आर्गेनिक उत्पादों पर करें। उनके अनुसार, घर में काम आने वाली अदरक, हरीमिर्च स्प्रे या पेस्ट के रूप में कीटनाशक के तौर पर उपयोग कर सकते हैं।
अन्य किसानों को भी करती हैं प्रेरित
वह कहती हैं कि मैंने किसानों के पास जा-जाकर उनको समझाया कि कैमिकल के इस्तेमाल से खराब हो रही मिट्टी का किस तरह से परीक्षण करवाया जाए और उसमें कम्पोस्ट खाद, बायोवेस्ट खाद और केचुंआ खाद का उपयोग कर उसकी उपजाऊ क्षमता को बढ़ा सकते हैं। लोगों के मन में सवाल थे कि इस तरह की खेती करने में समय और लागत दोनों अधिक आती है। हालांकि इस तरह की परेशानी का हल निकाला गया।
पौधे खरीदने के बजाय, पूर्वा ने बीज से सब्जियां उगाने के लिए अपनी खुद की नर्सरी शुरू की। अक्टूबर, 2021 तक, उन्होंने मटर, स्वीटकॉर्न, बैंगन, चुकंदर, टमाटर, मूली, ब्रोकोली, गाजर, फूलगोभी और स्ट्रॉबेरी सहित विभिन्न प्रकार की फसलें लगाई। वह कहती हैं कि 20 हजार रुपए से शुरू किए गए इस काम में शुरुआत में मुझे केवल 5 बॉयर्स ही मिलें, जिन्होंने मेरा समान खरीदा, लेकिन लगातार कोशिश और नए-नए प्रयोगों से फसल को और अच्छा और ज्यादा करने के संबंध में काम किया। इसका परिणाम है कि आज पूर्वा प्रतिदिन 1000-1200 खरीददारों को फल-सब्जियां आदि सप्लाई करती हैं।