Suhani Shah: क्लास 1 तक ही पढ़ी हैं ‘दिमाग पढ़ने’ वाली सुहानी शाह, जानें कैसे बनी जादूगर

राजस्थान के उदयपुर में जन्मी सुहानी शाह ने पहली कक्षा में ही स्कूल छोड़ दिया था। लेकिन आज की तारीख में सुहानी भारत की पहली और एकमात्र महिला मेंटलिस्ट, माइंड रीडर, इल्यूजनिस्ट और जादूगर हैं। 6 साल की उम्र से शुरुआत करके पिछले दो दशक में उन्होंने दुनिया भर में 5,000 से ज्यादा शो किए हैं। कह सकते हैं कि वह दुनिया में सबसे ज्यादा देखी जाने वाली मेंटलिस्ट हैं।
शुरू से ही अपने फन में माहिर सुहानी के जादू के करतब दिग्गज जादूगरों के बराबर होते थे। आंखों पर पट्टी बांधकर लोगों के मन का अनुमान लगाने और भविष्यवाणी करने की उनकी अविश्वसनीय प्रतिभा ने उन्हें दुनिया के शीर्ष जादूगरों की श्रेणी में ला खड़ा किया।
सुहानी जब 14 साल की थीं, तो उनके पिता ने उन्हें जादूगर के रूप में अपने अनुभवों पर एक किताब लिखने का सुझाव दिया। लेकिन पढ़ाई तो की नहीं थी इसलिए उन्होंने पहले अपनी अंग्रेजी भाषा, गणित और विज्ञान पर काम किया और उसके बाद किताब लिखी। उनकी किताब ‘अनलीश योर इनर पावर’ बेस्टसेलर बन गई। आखिर जादूगर और मेंटलिस्ट के बीच अंतर क्या है? इस सवाल के जवाब में उनका कहना है कि हर मेंटलिस्ट जादूगर होता है। लेकिन हर जादूगर मेंटलिस्ट नहीं होता।

मेंटलिस्ट जादू की एक उप-शैली है। वे कहती हैं कि जादू एक कला है। उनके कॅरियर की शुरुआत जादूगर के रूप में हुई फिर उन्होंने जादू की कला को मनोविज्ञान के साथ जोड़ दिया। यह मेंटलिज्म के रूप में सामने आया। सात साल की उम्र से ही हजारों लोगों के लिए हर दूसरे दिन परफॉर्म करना, विदेश यात्रा करना और लोगों से मिलना-जुलना, इन सबने उन्हें अलग-अलग नजरिए से देखने का मौका दिया।
उनका पहला स्टेज शो 22 अक्टूबर 1997 को अहमदाबाद के ठाकोरभाई देसाई हॉल में आयोजित किया गया था। उन्होंने कई पुरस्कार जीते हैं और उन्हें अखिल भारतीय जादू संघ द्वारा जादू परी की उपाधि से सम्मानित किया गया है।