She News: वंचित समुदाय की महिलाओं के लिए आवाज उठाती हैं सुमन

वंचित समुदाय की महिलाओं की आवाज बनकर उन्हें न्याय दिलाने का काम करती हैं जयपुर की समुन देवठिया। 44 वर्षीय सुमन महिलाओं पर हिंसा, कुकड़ी प्रथा, बाल विवाह, डायन प्रथा और खाप पंचायतों के निर्णयों के खिलाफ महिलाओं की मदद करने के साथ उनके लिए नि:शुल्क कानूनी लड़ाई लड़ती हैं। 22 सालों में सुमन दलित समुदाय के तीन हजार से अधिक महिला व पुरुषों को न्याय दिलवा चुकी हैं। वुमन एम्पावरमेंट एण्ड जेण्डर इक्विलिटी के संबंध में काम करने के लिए उन्हें 2021 में राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित भी किया जा चुका हैं।

बचपन से ही देखा भेदभाव

सुमन कहती हैं कि बचपन में मैंने कुकड़ी प्रथा से महिलाओं पर होने वाले अत्याचार देखें। इसके बाद वकालत कर इन सभी कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाई। वह कहती हैं कि जब मैं महिलाओं की मदद के लिए जाती तो लोग मेरा विरोध करते और मुझसे बात तक नहीं करते थे। मेरे काफी समझाने पर सुनते। 2019 में एक संस्था की स्थापना की। जिसके माध्यम से वह देशभर में आदिवासी और वंचित समुदाय की महिलाओं के हक के लिए कानूनी सहायता, पुलिस की उचित कार्रवाई, आर्थिक मदद और पीड़ित की सुरक्षा सुनिश्चित करवाने में मदद करती हैं।

Sarita Tiwari

बीते 24 सालों से पत्रकारिता में है इस दौरान कई बडे अखबार में काम किया और अभी वर्तमान में पत्रिका समाचार पत्र रायपुर में अपनी सेवाए दे रही हैं। महिलाओं के मुद्दों पर लंबे समय तक काम किया ।
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