She News: ऑर्गेनिक कृषि के साथ हैंड वर्क मेें बनाई सुषमा ने पहचान
राजस्थान के कोटपूतली-बहरोड़ जिले की रहने वाली सुषमा देवी ने अपने आत्मविश्वास और कड़ी मेहनत से न केवल अपने जीवन की दिशा बदली, बल्कि गांव की महिलाओं को भी रोजगार दिया। ये सफर लगभग 5 वर्ष पहले शुरू हुआ जब उन्हें जागृति संस्थान और नाबार्ड के सहयोग से स्वयं सहायता समूह की जानकारी प्राप्त हुई। उन्होंने समूह के कोऑर्डिनेटर हरीश कुमार सैनी के मार्गदर्शन में गांव की 10 महिलाओं के साथ एक स्वयं सहायता समूह का गठन किया।
अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत
सुषमा देवी ने युवा जागृति एग्रो रिसर्च और ऑर्गेनिक फार्म इंस्टिट्यूट एंड रिहैबिलि -टेशन सेंटर से ऑर्गेनिक खेती का प्रशिक्षण प्राप्त किया और इसे अपनाते हुए नई राह बनाई। आज वे ऑर्गेनिक कृषि के क्षेत्र में भी सफल हैं और अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूत कर रही हैं। सुषमा देवी का यह सफर उन लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है, जो सीमित संसाधनों में भी बड़े सपने देखने का साहस रखते हैं।
एक लाख का मिला लोन
सुषमा ने छोटी सी जगह में रहने के बावजूद कशीदाकारी की एक मशीन खरीदी और सिलाई-कढ़ाई का काम शुरू किया। उनकी कड़ी मेहनत को देखते हुए नाबार्ड से उन्हें एक लाख रुपए का लोन भी प्राप्त हुआ। जिससे उन्होंने अपना व्यवसाय बढ़ाकर शहर तक पहुंचाया। इसके बाद स्थानीय बाजारों से भी ऑर्डर मिलने लगे।