शिक्षकों को नए साल में प्रमोशन का तोहफा… स्कूल शिक्षा विभाग ने जारी की सूची, देखें..
पिछले पांच वर्षों से राज्य में आरक्षण रोस्टर नियम के विरुद्ध सभी विभागों में पदोन्नति निरंतर जारी हैं। नियम विरुद्ध पदोन्नति से आरक्षित वर्ग के शासकीय सेवकों को भारी नुकसान हो रहा है। अपर्याप्त प्रतिनिधित्व से समाज में नाराजगी है। अभी 27 दिसंबर 2024 को स्कूल शिक्षा विभाग के कार्यालय संयुक्त संचालक शिक्षा दुर्ग ने 368 शिक्षकों का प्रधान पाठक पूर्व माध्यमिक शाला के पदों पर पदोन्नति देते हुए आदेश जारी किया है।
आरक्षण नियमों को नहीं हुआ पालन
इसमें मात्र 36 अनुसूचित जनजाति संवर्ग के शिक्षकों को पदोन्नति का लाभ मिला। इसका प्रतिशत लगभग 10 से भी कम है। यदि पदोन्नति में आरक्षण नियम का पालन होता तो अनुसूचित जनजाति संवर्ग को 32 प्रतिशत की दर से 115 शिक्षकों को लाभ मिलता। प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए जिला अध्यक्ष आसकरण सिंह धुर्वे ने बताया कि विगत 5 वर्षों से उच्च न्यायालय ने पदोन्नति के लिए नया नियम बनाने राज्य सरकार को समय-समय पर आदेशित किया है।
लेकिन राज्य सरकार उक्त विषय को लेकर गंभीर नजर नहीं आ रहा। छग अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक विकास संघ ने सरकार से मांग करते हुए कहा है कि पदोन्नति नियम बना कर पदोन्नति की कार्यवाही करें। जब तक पदोन्नति में आरक्षण की बहाली को लेकर राज्य सरकार कोई नियम नहीं बन लेते तब तक पदोन्नति में रोक लगाई जाए।
नियम विरुद्ध पदोन्नति प्रदेश में जारी है। इन पांच वर्षों से आरक्षित वर्ग के पदोन्नति के हजारों पदों को अनारक्षित वर्ग से भरा जा चुका है। उनका कहना है कि अब छत्तीसगढ़ प्रदेश में आरक्षित वर्ग के सभी विभागों में अपर्याप्त प्रतिनिधित्व देखने को मिल रहा है।