छत्तीसगढ़ में बनेगा देश का तीसरा सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व, साय कैबिनेट का बड़ा फैसला
रायपुर. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में बुधवार को कैबिनेट की बैठक हुई। इसमें गुरुघासीदास- तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व गठित करने का फैसला लिया गया। इसे टाइगर रिजर्व के रूप में अधिसूचित कर लिया गया है। इसके साथ ही यह देश का तीसरा सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व होगा। इसका क्षेत्रफल 2829.387 वर्ग किलोमीटर होगा।
इससे प्रदेश में इको-पर्यटन और रोजगार के अवसर को बढ़ावा मिलेगा। इसके लिए राष्ट्रीय प्रोजेक्ट टाइगर अथॉरिटी से अतिरिक्त बजट भी प्राप्त होगा। अब छत्तीसगढ़ में टाइगर रिजर्व की संख्या 4 हो गई है।
पहले भी हुए थे प्रयास
प्रदेश में पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने गुरुघासीदास नेशनल पार्क और तमोर पिंगला सेंचुरी को मिलाकर टाइगर रिजर्व बनाने का ड्राफ्ट राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) को भेजा था। इसके बाद एनटीसीए ने गुरु घासीदास नेशनल पार्क को टाइगर रिजर्व के रूप में मंजूरी दे दी थी, लेकिन कांग्रेस शासन में रिजर्व एरिया के कोल ब्लॉक, आइल ब्लॉक और मिथेन गैस ब्लॉक होने के कारण मामला अटक गया था। अब जब राज्य में पुन: भाजपा सरकार की वापसी हुई तो टाइगर रिजर्व बनने का रास्ता साफ हो गया।
यह होगा फायदा : बाघों का संरक्षण: टाइगर रिजर्व बाघों के संरक्षण के लिए एक सुरक्षित और संरक्षित क्षेत्र प्रदान करता है, जहां वे अपने प्राकृतिक आवास में रह सकते हैं।
जैव विविधता का संरक्षण: टाइगर रिजर्व जैव विविधता के संरक्षण में मदद करता है, क्योंकि यह विभिन्न प्रजातियों के पौधों और जानवरों के लिए एक सुरक्षित आवास होता है।
पर्यावरण संरक्षण: टाइगर रिजर्व पर्यावरण संरक्षण में मदद करता है, क्योंकि यह वनस्पति और जीव-जंतुओं के संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
पर्यटन को बढ़ावा: टाइगर रिजर्व पर्यटन को बढ़ावा देता
है, क्योंकि लोग बाघों और अन्य जानवरों को देखने के लिए आते हैं।
रोजगार को बढ़ावा: टाइगर रिजर्व स्थानीय समुदायों के लिए रोजगार के अवसर प्रदान करता है, जैसे कि गाइड, पर्यटक वाहन, रिसार्ट व अन्य स्टॉफ।
बढ़ेगी बाघों की संख्या: राज्य सरकार के मुताबिक प्रदेश में बाघों की संख्या 19 है। इस टाइगर रिज़र्व के गठन से बाघों की संख्या में वृद्धि की उम्मीद है, क्योंकि यह क्षेत्र उनकी सुरक्षा को तय करेगा। नया टाइगर रिज़र्व बाघों के प्राकृतिक आवास को संरक्षित करेगा और उनकी सुरक्षा को बढ़ावा देगा।
राष्ट्रीय उद्यान व अभयारण्य को मिलाकर बनेगा टाइगर रिजर्व
कैबिनेट की बैठक के बाद डिप्टी सीएम अरुण साव ने बताया, राष्ट्रीय उद्यान और अभयारण्य को मिलाकर टाइगर रिजर्व बनाया है। उन्होंने बताया, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर, कोरिया, सूरजपुर एवं बलरामपुर जिलों में स्थित गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान तथा तमोर पिंगला अभयारण्य के क्षेत्रों को सम्मिलित करते हुए गुरुघासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व को मंजूरी दी गई है। इसके गठन की आगे की कार्रवाई के लिए वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग को अधिकृत किया गया है।