She News: पिता ने संघर्ष कर बदली बेटी की तकदीर

वक्त से लड़कर जो नसीब बदल दे, इंसान वही जो अपनी तकदीर बदल दें.. इस बात को साबित कर दिखाया है उदयपुरवाटी के पौंखी की ढाणी नाडयाली की रेखा गुर्जर ने। बचपन में माता-पिता को सिर पर्र इंटें और सीमेंट से भरी परातें उठाते देखकर रेखा ने तय किया कि वह एक दिन सरकारी अफसर बनकर माता-पिता की तकलीफ दूर कर उनका नाम रोशन करेंगी। उन्होंने 2017 में पहले ही प्रयास में आरएएस अधिकारी बन इस सपने को पूरा किया।

माता-पिता को दिया श्रेय

रेखा कहती हैं कि ‘मेरी कोचिंग की फीस भरने के लिए मेरे माता-पिता के पास पैसे नहीं थे। ऐसे में उन्होंने गांव छोड़ कर शहर में मजदूरी करके मुझे आगे की पढ़ाई करवाई ताकि मैं आरएएस अधिकारी बन सकूं।’ रेखा अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को देती हैं।

गांव में नहीं था स्कूल

वह 2019 में अलवर में सहायक कलक्टर, इसके बाद बानसूर अलवर में एसीएम और देवनारायण विभाग, उपखंड गंगापुर, भीलवाड़ा में डिप्टी सेकेट्री के पद पर रह चुकीं हैं। वह कहती हैं ‘बचपन से ही मेरी रुचि विज्ञान में थी, लेकिन गांव में स्कूल नहीं होने के कारण मुझे दूर पढ़ने जाना पड़ता था। आज भी समाज में लड़कियों को शिक्षा के लिए काफी परेशानियां उठानी पड़ती हैं। समाज में महिला शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए मैं हर संभव प्रयास करूंगी।’

Sarita Tiwari

बीते 24 सालों से पत्रकारिता में है इस दौरान कई बडे अखबार में काम किया और अभी वर्तमान में पत्रिका समाचार पत्र रायपुर में अपनी सेवाए दे रही हैं। महिलाओं के मुद्दों पर लंबे समय तक काम किया ।
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