पति मुस्कुराएगा नहीं, वेतन भी देेगा… तो मान गई पत्नी

ग्वालियर (मध्य प्रदेश). पति पूरा वेतन देगा। उसे रोज खर्च के लिए पैसे मैं दूंगी। उसने जो प्लॉट खरीदा, उसे गिरवी नहीं रखेगा। रखना भी पड़े तो मेरी लिखित सहमति लेनी होगी। इतना ही नहीं, मेरी बातों को सुनकर वह मुस्कुराएगा नहीं… ऐसी कई शर्तें पत्नी ने पति के सामने रख दी। पति ने शर्तें मान ली और पांच साल से अलग रह रहा दंपती एक हो गया। अब अप्रेल से दोनों साथ रहेंगे।
ग्वालियर की महिला की शादी नवंबर, 2007 में हुई। पति-पत्नी के बीच कुछ समय सब कुछ ठीक रहा, लेकिन कुछ साल बाद में दोनों के बीच विवाद होने लगे। इस पर महिला ने 2020 में घर छोड़ दिया। वह बेटे को साथ ले गई और दो बेटियों को पति के पास छोड़ दिया। तलाक को लेकर कानूनी लड़ाई शुरू हो गई। मामला हाईकोर्ट पहुंच गया।
हाईकोर्ट ने दोनों को मिलाने का भरसक प्रयास किया। काउंसलिंग कराई। दोनों में घंटों बहस चली। आरोप-प्रत्यारोप के दौर चले। इस दौरान पत्नी की बातें सुन पति मुस्कुराने लगा। इस पर पत्नी और नाराज हो गई। दोनों सहमति से तलाक के लिए तैयार हो गए। आवेदन पर दोनों दस्तखत करने ही वाले थे, उससे पहले दोनों के दिल मिल गए और एक साथ रहने को तैयार हो गए।
पति ने मान ली ये शर्तें…
पति किराए के मकान में रहता है। पत्नी को साथ रखेगा। सास साथ रहेगी।
पति प्लॉट को गिरवी नहीं रखेगा। रखना पड़ा तो पत्नी की लिखित सहमति लेगा।
मकान बनाने में लोन की जरूरत पर दोनों संयुक्त रूप से लेंगे।
संपत्ति में निवेश किया तो दोनों सहभागी होंगे।
प्लॉट का लोन चुकाने के तीन साल बाद खुद का मकान बनाएंगे।