She News: बच्चों की मासूम मुस्कान ने बदल दिया जीवन का मकसद

पहाड़ी बच्चों की मुस्कान ने मुंबई की पोर्शिया को एक ग्लैमरस लाइफस्टाइल छोड़ने पर मजबूर कर दिया। एक न्यूज चैनल की पत्रकार पोर्शिया पुतातुंडा ने हिमाचल की स्पीति घाटी के गांव कोमिक में शिक्षा की अलख जगाई। दो पेड़ों के नीचे 5 बच्चों के स्कूल से शुरुआत कर पोर्शिया आज 150 से अधिक बच्चों को पढ़ाती है। वह कहती हैं कि मैंने 2019 में यहां आकर शिक्षा के लिए काम करना शुरू किया।

इसके लिए मैंने स्पीति घाटी के 75 अलग-अलग गांवों में और 150 से अधिक ग्रामीण स्कूलों में जाकर सर्वे किया। इसके बाद घाटी में एक ऐसे स्कूल का निर्माण किया, जिसमें बच्चे यहीं रखकर पढ़ाई कर सकें, क्योंकि खराब मौसम के कारण बच्चों का प्रतिदिन स्कूल आना नहीं होता, जो यहां शिक्षा से वंचित होने का मुय कारण है। कक्षा तीन तक के इस स्कूल में अभी 150 बच्चे हैं, जिन्हें पांच शिक्षक पढ़ाते हैं। यहां बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ स्किल्स डवलपमेंट की ट्रेनिंग भी दी जाती है।

छोड़ी नौकरी

वह कहती हैं कि 2013 में वह कोमिक गांव आई थी। कुछ दिन रूकने पर मुझे यहां के रहन-सहन और बच्चों के करीब रहने का मौका मिला। फिर मैं मुंबई लौट गई, लेकिन हर वक्त उन बच्चों की आंखों में साधनों के अभाव में पढ़ाई न कर पाने का दर्द मुझे सताता था। इसी बीच पिता की मृत्यु हो गई, इन बच्चों में मैं अपने पिता का सपना साकार होना देख रही थी। इसलिए मैं 2018 में फिर से यहां आई तो यहां की स्थिति में कोई बदलाव न देखकर मैंने तय कर लिया कि इन बच्चों की शिक्षा के लिए मुझे कुछ काम करना है। इसलिए 2019 में मैंने नौकरी छोड़ यहां रहने का फैसला किया।

अभिभावकों ने किया था विरोध

वह कहती हैं कि शुरुआत में बच्चों को स्कूल लाना संभव नहीं हो पा रहा था। उनके माता-पिता का सवाल था कि हम बच्चों को ऐसे स्कूल में क्यों भेजे, जहां उन्हें वहीं रहना पड़ेगा। इसके कारण उन्होंने मेरा विरोध किया और कहा कि कक्षा तीन तक ही पढ़ा कर बच्चे आगे कैसे बढ़ पाएंगे। इसके लिए मैंने उन्हें विश्वास दिलाया कि जैसे-जैसे बच्चे आगे पढ़ते जाएंगे, हम कक्षाएं आगे बढ़ाते जाएंगे। इस वर्ष मैं कक्षा 4 की शुरुआत करने जा रही हूं।

Sarita Tiwari

बीते 24 सालों से पत्रकारिता में है इस दौरान कई बडे अखबार में काम किया और अभी वर्तमान में पत्रिका समाचार पत्र रायपुर में अपनी सेवाए दे रही हैं। महिलाओं के मुद्दों पर लंबे समय तक काम किया ।
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