पूरे छत्तीसगढ़ में हो रही इस शादी की चर्चा, प्रेम प्रसंग के बाद गांव वालों ने किया ये काम
आंखों-आंखों में ही प्यार हो जाता है और ये प्यार कब परवान चढ़ जाता है पता ही नहीं चलता। वहीं जब लड़का लड़की को एक दूसरे से सच्चा प्यार हो जाता है तो इसमें न रिश्ते नाते देखते हैं, और ना ही गरीबी अमीरी। छत्तीसगढ़ में ऐसे कई मामले मामले सामने आए हैं, लेकिन इस नए मामले ने प्यार के इस बंधन को अंजाम तक पहुंचाया है। जिसकी चर्चा जोरो—शोरों से हो रही है।
गांव वालों ने पेश किया मिसाल
दरअसल जगदलपुर के ग्राम कराकी में ग्रामीणों ने एकजुटता की मिसाल पेश की है। यहां ग्रामीणों ने लोहार जाति के 3 जोड़ों का विवाह संपन्न कराया। शादी में हुए खर्च का वहन ग्रामीणों ने खुद किया। ये तीन जोड़े प्रेम प्रसंग से एक होकर पति पत्नी जैसा जीवन व्यतीत कर रहे थे।
गांव वालों ने उठाया शादी का खर्चा
सामाजिक रीति रिवाज से शादी नहीं हुई थी। ग़रीबी के चलते वैवाहिक रस्म संपन्न नहीं करा पा रहे थे। तब ग्राम कराकी के गायता, पटेल, सरपंच ने ग्रामीणों की बैठक हुई। इसमें सब एकमत हुए। गांव के लोहार परिवार के प्रताप कुमार और लताबाई, शिवराम और मनीषाबाई, बिरेन्द और फुलेश्वरी का विवाह रचाने का निर्णय लिया। शादी की सभी खर्च खुद उठाया। धूमधाम से लोहार समाज के नियमानुसार तीनों जोड़ों का विवाह संपन्न कराकर जोड़े को वैवाहिक जोड़ी बनाया। गायता निर्भय कोवाची, नरेंद्र कोवाची, धनीराम ध्रुव, सामबत्ती कोवाची ने शादी कराई है।