घर का माहौल नहीं था फिर भी अपने शौक को जीने के लिए बनी सोलो ट्रेवलर और निकल पड़ी पूरे देश घूमने
सूफिनिज्म को बनाया अपना प्रोफेशन
रायपुर। छत्तीसगढ़ कहा है वो नक्सलियों की जगह तो नहीं? कुछ इसी तरह की प्रतिक्रिया रहती थी लोगों की जब लुजिऩा अलग-अलग राज्यों के लोगों से मिलती थी। इसलिए उसने पहले बस्तर को करीब से जाना और फिर निकल पड़ी पूरे भारत को जानने के लिए। लडक़ा और लडक़ी तो हमारी सोच में रहता है आप का खुद पर यकीन है तो आप हर मुकाम हासिल कर सकते हो। मैं अकेली लडक़ी पूरे भारत में घूम चुकी हूं लेकिन मुझे कहीं भी डर या असुरक्षा महसूस नहीं हुई। बस हमें कुछ सावधानियां रखनी पड़ती है जो हर ट्रेवलर के लिए जरूरी है। फिर देखों दुनिया आपकी मुठ्ठी में होती है।
बेडिय़ों को तोड़, बनाई अपनी पहचान
अपने शौक को जीने वाली रायपुर की 26 साल की सोलो ट्रेवलर लुजिऩा खान कहती हैं कि मेरे जीवन में कोई भी चीज कभी प्लानिंग के साथ नहीं हुई। बेडिय़ों को तोडक़र अपनी पहचान बनाई। अब वो जहां भी जाती है लोग उसे जानते है। 16 दिन का पहला टूर कश्मीर का किया। बस्तर की प्राकृतिक सुंदरता को अंतरराष्ट्रीय पटल पर लेकर आई। अब वो दरगाह में आने वाले लोगों के खुशी और गम के भावों को कैमरे में कैद करती है। मिडिल क्लास फेमिली जिसमें 3 लड़कियों की शिक्षा का खर्चा और उस पर फोटोग्राफी का शौक जिसे पूरा करना तो मुमकिन नहीं था लेकिन लुजिना ने अपने इस सपने को अपने ही दम पर पूरा किया।
खुद पर विश्वास होना बहुत जरूरी
लुज़िना कहती हैं कि यदि फैमिली का सर्पोट हो और खुद पर विश्वास हो तो सारी चीजे लाइन पर आ जाती है जो पहले विरोध करते थे, वे ही आपकी सफलता पर शाबाशी देते हैं। 12 वीं के बाद जयपुर के भारतीय शिल्प संस्थान से तीन साल का कोर्स किया। छत्तीसगढ़ हैंडीक्राफ्ट बोर्ड में नौकरी मिल गई लेकिन वहां मन नहीं लगा तो सरकारी नौकरी छोडक़र निकल पड़ी अपने सपने को जीने।
बस्तर की सुंदरता ने दिलाई पहचान
लुजिनाकहतीं है कि बस्तर में घूमने निकली तो वहां की सुंदरता को अपने कैमरे में कैंद किया और उसे सोशल मीडिया के जरिए लोगों तक पहुंचाया। उनकी खींची फोटो सरकारी कैलेण्डर में और पर्यटन विभाग की वेबसाइट में नजर आने लगी। मथुरा की होली के फोटो ने उन्हें नेशनल अवार्ड दिलाया। इंटरनेशनल गैलरी में उनकी फोटो लगाई जाने लगी। मुंबई के रिजवी कॉलेज और अजमेर शरीफ में उनकी खींची फोटो की प्रदर्शनी हर साल लगती है। अब वो फोटो प्रोजेक्ट पर काम करने लगी है।
सेल्फ डिफेंस सीखा, लेकिन कभी जरूरत नहीं पड़ी
लुजिना ने बताया कि वो सेल्फ डिफेंस का कोर्स करी है लेकिन 5 साल के टे्रवलिंग के दौरान कभी जरूरत ही नहीं पड़ी।
अब वो सूफिनिज्म पर कार्य कर रही है। दरगाह में आने वाले लोगों के एक-एक भाव को अपने कैमरे में कैद करती है। अब घर वाले भी बहुत गर्व करते है। कई लड़कियां उनसे मेटीवेशन लेकर आगे बढ़ रही है।