छत्तीसगढ़ सरकार का बड़ा फैसला, पर्यटन को मिला उद्योग का दर्जा, अनुदान के साथ मिलेगी छूट
राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने और योजनाबद्ध तरीके से विकास के लिए अब पर्यटन को उद्योग का दर्जा मिलेगा। यह निर्णय सोमवार को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में लिया गया। इससे पर्यटन परियोजनाओं केे लिए निर्धारित न्यूनतम स्थायी पूंजी निवेश किए जाने पर सामान्य उद्योगों की भांति अनुदान और छूट मिलेगी।
नई औद्योगिक नीति के तहत किया गया शामिल
बता दें कि छत्तीसगढ़ सरकार की नई औद्योगिक नीति 2024-30 के अंतर्गत पर्यटन, मनोरंजन एवं अन्य सामाजिक सेवा सेक्टर को शामिल किया गया है। इसके अलावा भारत सरकार एवं छत्तीसगढ़ पर्यटन नीति 2020 में पर्यटन परियोजनाओं के लिए निर्धारित न्यूनतम स्थायी पूंजी निवेश किए जाने पर सामान्य उद्योगों की भांति रियायत दी जाएगी।
कैबिनेट ने पीडीएस के पात्र हितग्राहियों को नागरिक आपूर्ति निगम को आवश्यक चना उपार्जन, एनईएमएल ई-ऑक्शन प्लेटफॉर्म के माध्यम से किए जाने की अनुमति दी गई। बता दें कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली अंतर्गत राज्य के सभी अनुसूचित विकासखण्डों एवं मॉडा पैकेट क्षेत्र में निवासरत अंत्योदय तथा प्राथमिकता वाले राशन कार्डधारियों को प्रतिमाह 5 रुपए किलो की दर से 2 किलो चना प्रदाय किया जाता है।
वर्तमान में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा चना वितरण योजना के तहत 30 लाख 22 हजार परिवारों को लाभान्वित किया जा रहा है। राज्य को चना वितरण के लिए प्रति माह 6046 टन तथा प्रति वर्ष 72 हजार 52 टन चना की जरूरत होती है। चना का उपार्जन नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा किया जाता रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार की चना वितरण योजना के माध्यम से हितग्राहियों को उच्च क्वालिटी का चना प्रदाय किया जा सके, इसके लिए मंत्रिपरिषद ने नागरिक आपूर्ति निगम को एनईएमएल ई-ऑक्शन प्लेटफॉर्म के माध्यम से खरीदी किए जाने की अनुमति दी गई।
राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के पर्यटक होंगे आकर्षित
पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिए जाने से प्रदेश में साहसिक, जल पर्यटन, मेडिकल एवं वेलनेस टूरिज्म, एग्रो टूरिज्म, पर्यटन की इकाईयों, लैंड बैंक में निजी निवेश को आकर्षित एवं प्रोत्साहित करने में मदद मिलेगी। इससे स्टेक होल्डर प्रोत्साहित होंगे। पर्यटन संबंधी अधोसंरचना का विकास होगा। पर्यटन से संबंधित पूंजी निवेश बढ़ेगा। राज्य में राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय पर्यटकों के अनुकूल सुख-सुविधाओं का विकास होगा। राज्य में पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार के बड़े अवसर सृजित होंगे।