Transfer Policy: साढ़े चार लाख सरकारी कर्मचारियों की बढ़ी उलझन, तबादला नीति पर नहीं कोई हलचल

Transfer Policy: छत्तीसगढ़ के करीब साढ़े चार लाख कर्मचारियों में तबादला नीति को लेकर उलझन और इंतजार बढ़ता जा रहा है। कर्मचारियों की मांग को देखते हुए कई कर्मचारी संगठन मई-जून में तबादला नीति जारी करने के लिए प्रयासरत है। कर्मचारी संगठन की मानें तो फिलहाल तबादला नीति के लिए सरकारी स्तर पर कोई हलचल नहीं है। जबकि तबादला नीति जारी करने का सबसे सही समय मई-जून में ही रहता है। दरअसल, इस समय सरकारी कर्मचारियों के बच्चों का भी अवकाश होता है। साथ ही नए जिले में तबादला होने पर आसानी से स्कूल-कॉलेजों में प्रवेश की प्रक्रिया पूरी हो जाती है।

समय पर जारी करना चाहिए तबादला नीति

कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा का कहना है कि राज्य सरकार को समय पर तबादला नीति जारी करना चाहिए, ताकि कर्मचारियों को भी थोड़ी राहत मिल सकें। खासकर विकलांग और आर्थिक रूप से कमजोर कर्मचारियों को इसकी आवश्यकता होती है। अभी समन्वय से जो तबादले हो रहे हैं, वो बंद होना चाहिए। उन्होंने बताया कि इसके लिए जल्द से अधिकारियों से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपेंगे।

कर्मचारी हित की आवाज उठाने वाले निशाने पर: चटर्जी

छत्तीसगढ़ शिक्षक फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी का कहना है कि मध्यप्रदेश के समय से नियम था कि कर्मचारी संगठन के पदाधिकारियों को तबादलों से छूट दी जाती थी। अब इस नियम को विलोपित कर दिया गया है। ऐसे में कर्मचारी हित की आवाज उठाने वाले पदाधिकारी अफसरों के निशाने पर रहते हैं। उनका जानबूझकर तबादला कर दिया जाता है। उनका कहना है कि नई तबादला नीति में पुरानी व्यवस्था फिर से लागू होना चाहिए।

तबादले का अभी सही समय: शर्मा

छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा का कहना है कि शिक्षा विभाग में तबादला के लिए यही सही समय रहता है। इसके बाद नया शिक्षा सत्र शुरू हो जाता है। नए सत्र में तबादला करने से शिक्षा की गुणवत्ता पर भी असर पड़ता है। नई तबादला नीति के लिए शासन को ज्ञापन भी सौंपा गया है, लेकिन अब तक कोई निर्णय नहीं हुआ है।

Sarita Tiwari

बीते 24 सालों से पत्रकारिता में है इस दौरान कई बडे अखबार में काम किया और अभी वर्तमान में पत्रिका समाचार पत्र रायपुर में अपनी सेवाए दे रही हैं। महिलाओं के मुद्दों पर लंबे समय तक काम किया ।
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